शरद पाण्डेय | नई दिल्ली .राजस्थान के साइंटिस्ट नितिन गुप्ता। इसरो में उनका चयन 2008 में हुआ था। लेकिन 2011 में वह नौकरी छोड़कर किसान बन गए, ताकि किसानों की समस्याओं को दूर कर सकें।
दरअसल, नितिन के स्कूल के साथी खेती करते हैं। छुटि्टयों में जब नितिन घर आते तो गांव में ग्रामीण खेती की समस्याओं पर चर्चा करते। नितिन समस्याओं का हल बताते। यहीं से उन्होंने सोच लिया कि वह भविष्य में किसानों को राहत देने के लिए अाविष्कार करेंगे।
इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी। एक दोस्त के साथ मिलकर पहला कॉटन पिकर कृषि उपकरण बनाना शुरू किया। इसे बनाने में दो साल लगे। लेकिन सफलता नहीं मिली। फिर पहाड़ी इलाकों जैसे जम्मू-कश्मीर, लेह-लद्दाख और हिमाचल में रिसर्च की। चार माह बाद उन्होंने एप्पल पिकर बना डाला। इसे किसानों ने बहुत पसंद किया। फिर एक-एक कर 5 प्रकार के उपकरण बना डाले। जिनकी मांग ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और इजरायल से भी आ रही है। उनके आविष्कार को लेकर फिक्की उन्हें बिजनेस इनोवेशन अवॉर्ड से सम्मानित कर चुका है।उन्हें सीआईआई टेक्निकल इनोवेशन इन एग्रीकल्चर अवॉर्ड, आईसीएफए में फूड एंड एग्रीकल्चर में बेस्ट फार्म टेक स्टार्टअप का अवॉर्ड मिल चुका है।
देश की पहली लिंकेज वेजिटेबल मशीन बनाई
साइंटिस्ट नितिन गुप्ता बताते हैं कि वह रिसर्च कर ऐसे उपकरण बनाते हैं, जिनका मैकेनिज्म बाजार में उपलब्ध ही नहीं होता है। कीमत भी ऐसी रखते हैं,जो एक ही सीजन में वसूल हो जाए। उन्होंने हाल ही में देश में निर्मित पहली मार्केट लिंकेज वेजिटेबल फ्रूट ग्रेडिंग मशीन बनाई है। इससे फल-सब्जियां छंटते ही आसपास के आढ़तियों के पास कलर, साइज, क्वालिटी की डिटेल्स के साथ मैसेज पहुंच जाएगा। इससे वे जरूरत के अनुसार किसानों से संपर्क कर पाएंगे।
पहले मंगलयान प्रोजेक्ट के लिए रिसर्च कर चुके; कई उपकरण बना चुके
नितिन गुप्ता श्रीगंगानगर के श्रीकरणपुर गांव के रहने वाले हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई यहीं से हुई, जबकि मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई चेन्नई से की। इसरो में 2008 में बतौर साइंटिस्ट चयन हुआ। 2011 में नौकरी छोड़ मास्टर ऑफ डिजाइन की डिग्री ली और स्टार्टअप शुरू किया। 2015 में पीएम द्वारा स्किल इनोवेशन में देश के टॉप-35 स्टार्टअप में उनका चयन हुआ। नितिन अब तक कॉटन पिक, खुबानी पिकर, सोलर इनसेक्ट ट्रैप, सी बकथॉर्न पिकर और मार्केट लिंकेज ग्रेडिंग मशीन बना चुके हैं। वह भारत के पहले मंगलयान प्रोजेक्ट के लिए रिसर्च कर चुके हैं।
नई दिल्ली .दिल्ली में 22 साल बाद उपहार अग्निकांड के वीभत्स दृश्य ताजा हो गए। यहां अनाज मंडी इलाके में रविवार सुबह 5 बजे बैग बनाने वाली चार मंजिला अवैध फैक्ट्री में आग लग गई। आग और प्लास्टिक के धुंए की वजह से 43 मजदूरों की मौत हो गई। ज्यादातर मृतक बिहार के हैं, जो फैक्ट्री में ही रहते थे। इनमें तीन बच्चे भी हैं। 38 लोगों की मौत दम घुटने से हुई। 63 लोग बचा लिए गए। मरने वालों में से 28 की शिनाख्त हो चुकी है। आग दूसरी मंजिल से लगनी शुरू हुई और कुछ देर में ऊपर की मंजिलों तक फैल गई। पूरी बिल्डिंग में आग का गुबार भर गया।
पहली मंजिल पर रहने वाले लोग जान बचाकर भागने में सफल रहे। हादसे के वक्त बिल्डिंग में 100 से अधिक लोग मौजूद थे। ये लोग पूरे दिन फैक्ट्री में काम करते थे और फिर यहीं सो जाते थे। फैक्टरी के मालिक रेहान और मैनेजर फुरकान को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने इस मामले में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। केस की तफ्तीश क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। आग बुझाने का काम कई घंटे बाद तक जारी रहा।
दमकल विभाग के अधिकारी ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कुल 63 लोगों को बिल्डिंग से अचेत हालत में बाहर निकाल ऑटो व एंबुलेंस के जरिए एलएनजेपी, लेडी हार्डिंग, राम मनोहर लोहिया अस्पताल में पहुंचाया गया था, जहां अधिकांश लोगों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं केजरीवाल सरकार और भाजपा शासित नगर निगम जिम्मेदारी से बचते हुए पूरा दिन इस हादसे के लिए एक-दूसरे को ही दोषी ठहराते रहे।
मौत की फैक्ट्री में लापरवाही की आग, 43 जानें गईं
अव्यवस्था ने दम घोंटा
मौतों का सबसे बड़ा कारण
सबसे बड़ी चूक...
लापरवाही की इंतेहा
ये गरीब तो जलकर मर गए, अब गैरत से कौन मरेगा...?
इन 43 मौतों का जिम्मेदार कौन
दिल्ली सरकार, नगर निगम या प्रशासन
बताया गया है रिहायशी इलाके में फैक्ट्री महज 200 वर्ग गज क्षेत्रफल में बनी हुई है। इसके मालिकों को दिल्ली फायर सर्विस (डीएफएस) से न तो फायर सेफ्टी क्लीयरेंस मिला। फैक्ट्री में आग से बचाव के काेई उपकरण नहीं थे। आग को लेकर सवाल उठ रहा है कि इस आग और मौतों के लिए जिम्मेदार दिल्ली सरकार है या नगर निगम या प्रशासन। इलाके में बने मकान पुराने हैं और ज्यादातर में फैक्ट्रियां ही चलती हैं। रिहायशी इलाके में कैसे धड़ल्ले से फैक्ट्रियां चल रही हैं, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। हर हादसे के बाद जिम्मेदार डिपार्टमेंट एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल कर पल्ला झाड़ने की कोशिश करने लगते हैं। आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है लेकिन बिजली कंपनी बीएसईसी ने इससे इंकार किया है।
सियासी अंगारे... भाजपा-कांग्रेस ने आप को घेरा, आप ने एमसीडी को
घटना के बाद आग पर सियासत शुरू हो गई। भाजपा ने घटना के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार बताया। कहा कि फैक्ट्री को बिजली का कनेक्शन कैसे दे दिया गया। यही आरोप कांग्रेस ने भी लगाया। उधर, आम आदमी पार्टी ने भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम(एमसीडी) को घटना के लिए जिम्मेदार बताया। कहा कि उसने कैसे रिहायशी इलाके में फैक्ट्री की इजाजत दे दी। भाजपा ने इस मामले पर आपात सत्र बुलाने की मांग उठाई।
लापरवाही के आरोप... हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली सरकार पर साधा निशाना
रविवार देर रात केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हादसे के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए ट्वीट किए। उन्होंने लिखा- एनएमसीडी ने रिडिवेलमेंट प्लान बना लिया था और उसे डीडीए की तकनीकी कमेटी ने पास भी कर दिया था। निगम ने फाइनल प्लान को मार्च 2017 में स्वीकृति दे दी थी। लेकिन इस बिल्डिंग में किसी भी चेकिंग की कोई सूचना नहीं है। यह भी नहीं पता कि किसके कहने पर इस बिल्डिंग को बिजली के इतने कनेक्शन और मीटर दे दिए गए थे। अगर विभाग सही से अपना काम करते तो बहुमूल्य जीवन बच सकते थे।
राहत... दिल्ली सरकार 10 लाख और भाजपा देगी 5 लाख का मुआवजा
दिल्ली सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए, घायलों के मुफ्त इलाज और घायलों को 1-1 लाख मुआवजे की घोषणा की। इसके साथ ही मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने बीजेपी के पार्टी फंड से 5-5 लाख रुपए की राशि मृतक परिजनों को और 25-25 हजार रुपए घायलों को देने का ऐलान किया।
सीएम केजरीवाल बोले... दोषी बख्शे नहीं जाएंगे
हमने इस भीषण हादसे में 40 से ज्यादा जिंदगियां खोई हैं। मैंने इसकी जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच के आदेश दिए हैं। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
- अरविंद केजरीवाल,सीएम, दिल्ली
सलाम... फायरमैन राजेश शुक्ला ने अकेले बचाई 11 लोगों की जान
आग बुझाने और बचाव के लिए 30 फायर टेंडर मौके पर थे। संकरी गलियों के चलते 150 दमकलकर्मियों को भी लगाया गया। इन्हीं में से एक थे फायरमैन राजेश शुक्ला, जो इस जलती इमारत में सबसे पहले घुसे। अपनी जान की परवाह किए बिना शुक्ला ने अकेले 11 लोगों की जान बचाई। उन्होंने हड्डियों में चोट लगने के बावजूद अपना काम जारी रखा।
किस्मत...फिराेज बच गया, अंदर सो रहे लोग फिर उठ नहीं सके
फैक्ट्री में टोपी बनाने वाला कर्मचारी फिरोज खान इमारत में आग लगने के बाद बचे लोगों में शामिल है। वह तीसरे फ्लोर पर कमरे में दरवाजे के पास सो रहा था। इस वजह से आग लगने पर जागने के बाद बचकर भागने में सफल हो गया। लेकिन कमरे में अंदर सो रहे दूसरे लोग इतने भाग्यशाली नहीं थे। घटना में घायल नवीन के भाई मनोज ने बताया कि मुझे फोन आया था कि भाई घायल है। उसे कहां ले जाया गया, मैं नहीं जानता
जानलेवा गैस...जहरीली कार्बन मोनो ऑक्साइड मौत का कारण बनी
आग बुझाने के काम में लगाई एनडीआरएफ की टीम के डिप्टी कमांडर आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि अधिकांश लोगों की मौत आग के कारण कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस फैलने के कारण हुई। समूची बिल्डिंग में धुएं के साथ यह गैस फैल गई और लोगों का दम घुट गया। जवानों को बिल्डिंग की तीसरी और चौथी मंजिल पर भी धुएं में यह खतरनाक गैस मिली।
नई दिल्ली (नीरज आर्या).अनाज मंडी सदर बाजार में मौजूद बड़ी संख्या में ऐसी इमारतें हैं, जहां लोग अपनी जीविका चलाने के लिए जिंदगी दांव पर लगा काम करने को मजबूर हैं। उन्हें भी इस बात का अहसास है कि यदि कोई बड़ी घटना या हादसाहो जाए तो वे जिंदा नहीं बच सकते। इस सबके बाद भी वो परिवार का पालन पोषण करने के लिए जोखिम उठाने से पीछे नहीं हटते। कम पढ़ा लिखा होने के चलते उन्हें जो काम मिला, वे उसी से घर चलाने लगे।
जिस इमारत में आग की घटना हुई वहां से करीब डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर ही पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रोक लगा दी। लेकिन जब हमें पता चला कि इस एरिया में आसपास बड़ी संख्या में ऐसी इमारतें हैं, जहां पर छोटी उम्र के बच्चों से काम कराया जाता है। यह जानने के बाद भास्कर संवाददाता ने वहीं सड़क पर मौजूद एक बिल्डिंग में जाकर स्थिति का जायजा लिया। ऊपर बिल्डिंग की सीढ़ियों पर चढ़ते समय काफी अंधेरा था।
जगह ऐसी कि सीढ़ी में चढ़ते उतरते समय दो लोग फंस जाएं। किसी तरह हम दूसरी मंजिल तक पहुंच गए। एक कमरे का दरवाजा थोड़ा सा खुला मिला। एक युवक नीचे जुटी भीड़ को देख रहा था, जबकि वहीं दूसरा सोया था। उसने हमें पुलिस अधिकारी समझा और वह एकदम से घबरा सा गया। उससे बातचीत शुुरु ही की थी तभी सो रहा युवक भी जा गया। इसके बाद दोनों युवक को भरोसे में लेकर हमने उनसे बात की।
प्रति थैला पांच रुपए के लिए कैद में थी जिंदगी
मूलरुप से मधुबनी बिहार के रहने वाले सुदान ने बताया वह 22 वर्ष का है। यहां उसका काम ज्वेलरी शॉप पर इस्तेमाल होने वाले थैले बनाने का है। इस कमरे में छह लोग काम करते हैं और वहीं पर रहते हैं। वे आलम भाई के लिए काम करते हैं, जो प्रति थैला बनाने के एवज में पांच रुपए उन्हें देता है। बाकी काम के ऊपर भी रेट तय होता है। उसने कहा कि वह शादीशुदा है और एक बच्चे का पिता है। दिल्ली में आठ साल से रहकर परिवार के लिए दो वक्त की रोजी रोटी का इंतजाम करता है। यहां वह दो महीने से काम कर रहा है। सुरक्षा के कोई उपाय नहीं हैं।
काम नहीं करेंगे, तो कहां से क्या खाएंगे
अवरा गांव मधुबनी निवासी सद्दाम हुसैन (20) ने कहा बाबूजी अगर काम नहीं करेगें तो खांएगे क्या। परिवार कैसे चलेगा। पढ़े लिखे नहीं, यहीं उनकी मजबूरी है। उसके परिवार में पिता, पांच भाई और एक बहन है। वह सबसे छोटा है। वह आलम भाई के साथ जुड़कर दो साल से काम कर रहा है। ज्यादातर कमाई का हिस्सा वह गांव भेज देता है, ताकि परिवार का गुजर बसर हो सके। इस कमरे के अंदर आठ से दस मशीनें लगी हुई थीं। इन दोनों ने बताया रविवार को वे काम नहीं करते। आज काम की छुट्टी रखते हैं। दोनों से कुछ देर बात करके हम वहां से ऊपर की ओर बढ़े।
दिल्ली .राष्ट्रीय राजधानी में रानी झांसी रोड के पास अनाज मंडी इलाके में लगी आग में 43 लोगों की मौत हो गई। लेकिन, दिल्ली में आग लगने की यह कोई इकलौती बड़ी घटना नहीं है। इससे पहले भी यहां भीषण अग्निकांड हो चुके हैं। आज से कोई 22 साल पहले भी उपहार सिनेमा हॉल में एक बड़ा अग्निकांड हुआ था जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। आइये जानते हैं दिल्ली में कब-कब हुए हैं ऐसे भीषण अग्निकांड...
उपहार अग्निकांड में 59 लोगों ने गंवा दी थी जान
13 जून, 1997
1. उपहार अग्निकांड
दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में ‘बॉर्डर’ फिल्म देखने के दौरान लगी भीषण आग में 59 लोगों की जान चली गई थी। घटना 13 जून, 1997 को हुई थी। इस घटना में 100 से अधिक लोग घायल भी हुए। इस घटना में महिलाएं और बच्चे भी मारे गए थे। सिनेमाघर के ट्रांसफॉर्मर रूम में शो के दौरान आग लग गई थी जो तेजी से हॉल के अन्य हिस्सों में फैल गई थी।
31 मई, 1999
2. लालकुआं में आग
लालकुआं केमिकल मार्केट कॉम्पलेक्स में 31 मई 1999 में लगी आग में 57 लोगों की मौत हो गई थी। करीब 27 लोग घायल भी हो गए थे। यहां शॉप नंबर 898 से आग की शुरुआत हुई थी और धीरे-धीरे पूरा केमिकल मार्केट ही इसकी जद में आ गया। इलाके में धुंए की गुबार छा गई थी। जिससे रेस्क्यू में लोगों को परेशानी हुई।
20 नवंबर, 2011
3. नंदनगरी में हादसा
20 नवंबर 2011 को नंदनगरी ई-2 ब्लॉक में गगन सिनेमा के पास स्थित एक सामुदायिक भवन में अखिल भारतीय किन्नर समाज सर्वधर्म सम्मेलन के दौरान पंंडाल में आग लगने की घटना में 15 किन्नरों की मौत हो गई थी और 65 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। यहां शाम के करीब 7 बजे रसोईघर से आग फैली थी और फिर पूरे भवन को अपनी चपेट में ले लिया था।
7 जुलाई, 2017
4. दिलशाद कॉलोनी में हादसा
सीमापुरी इलाके में स्थित दिलशाद कॉलोनी में 7 जुलाई 2017 को आग लगने की घटना में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना में दो लोग गंभीर रूप से घायल भी हो गए थे। पुलिस की जांच में सामने आया था कि यह आग शॉट सर्किट की वजह से लगी थी।
21 जनवरी, 2018
5. बवाना में लगी आग
बाहरी दिल्ली के बवाना इलाके के औद्योगिक क्षेत्र में 21 जनवरी 2018 को सेक्टर-5 स्थित एक पटाखा स्टोरेज यूनिट में भीषण आग लग गई थी। जिससे इलाके में अफरा तफरी का माहौल था। आग लगने की इस घटना में 17 लोगों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी और दो लोग घायल हो गए थे। तब भी प्रशासन ने सुरक्षा का इंतजाम करने के निर्देश दिए थे।
6 अगस्त, 2019
6. जाकिर नगर में हादसा
दिल्ली के जाकिर नगर इलाके में 6 अगस्त को देर रात करीब ढाई बजे लगी आग में 5 लोगों की मौत हो गई थी और 11 लोग जख्मी हो गए थे। सूचना मिलने पर दमकल की आठ गाड़ियों ने काफी मशक्त के बाद आग पर काबू पाया था। चार मंजिला इमारत में शॉट सर्किट से आग लग गई थी।
12 फरवरी, 2019
7. करोलबाग के अर्पित होटल में आग
सेंट्रल दिल्ली के करोल बाग में 12 फरवरी, 2019 को चार मंजिला होटल अर्पित में तड़के लगी आग में 17 गेस्ट जिंदा जल गए। इनमें एक बच्चा और दो लोग जान बचाने के लिए इमारत से कूद गए थे, लेकिन उनकी भी मौत हो गई। इस घटना में 35 लोग घायल हो गए थे।
अखिलेश कुमार | नई दिल्ली .दिल्ली में आग लगने की सिद्धार्थ होटल में 37, उपहार सिनेमा 59, लाल कुआं 57 सहित हौजखास रेस्तरां, बवाना फैक्ट्री, अर्पित होटल व गेस्ट हाउस में आग की बड़ी घटनाएं हुईं। पुरानी दिल्ली के तिलक बाजार, नया बाजार, खारी बाबली और लाल कुआं के बाद अब अनाज मंडी की घटनाओं को जोड़ लें तो अकेले पुरानी दिल्ली की पांच अग्निकांड में 145 की जान जा चुकी है।
आग की घटनाओं से क्या सबक सीखे और कहां चूक का नुकसान दिल्ली को उठाना पड़ रहा है। भास्कर ने दिल्ली फायर सर्विसेज में 25-28 साल तक काम करने वाले तीन पूर्व निदेशकों से बातचीत की। इन्होंने बताया कि जब जिस तरह के एस्टैबलिशमेंट में आग लगती है, उसके नियम बदल जाते हैं। बाकी तरह ध्यान नहीं जाता।
उपहार सिनेमा में आग लगी तो सिनेमैटोग्राफी रूल्स बदले गए
उपहार सिनेमा में आग लगी तो सिनेमेटोग्राफी रूल्स बदले गए। जहां एक साल में आग सुरक्षा की जांच अकेला एक व्यक्ति कर आता था, उसे एक साल में 4 बार पूरी टीम के साथ करना अनिवार्य बनाया गया। सिद्धार्थ होटल में आग लगी तो होटलों में पड़ताल बढ़ी। मॉल या नर्सिंग होम सहित कुछ अन्य प्वाइंट पर आग पर अभी बड़ा हादसा नहीं हुआ तो वहां के नियम पर सख्ती नहीं है। शॉर्ट शर्किट से आग कह देना आसान है तो लोग ऐसा कहते हैं। हालांकि 60% मामले शॉर्ट सर्किट से ही होते भी हैं। लेकिन साइंटिफिक जांच जरूरी है। काम करना और सोना एक ही जगह और वो भी सामान के साथ तो फिर आग में दम तो घुटेगा ही।
पुरानी दिल्ली को गिरा तो नहीं सकते, ऑडिट करके सुरक्षा जरूरी
उपहार हादसा हुआ तो मैं फायर डिविजन अफसर था। पीरागढ़ी आग में 9 मरे और फिर कई हादसे हुए। हादसे जागरुकता से ही रुकेंगे। फायर डिपार्टमेंट बता सकता है लेकिन सोसायटी को मंजूर बिजली लोड से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना, मजबूत वायरिंग, सीढ़ी खाली रखना ध्यान रखना पड़ेगा। पुरानी दिल्ली को गिरा तो नहीं सकते। ऑडिट करके सुरक्षा जरूरी। दुकान-घर-फैक्ट्री सब वहीं है तो ध्यान देने की जरूरत इन्हें ज्यादा है। इलेक्ट्रिक, प्लास्टिक, रैक्सिन सब काम होता है। गलियां तंग हैं, वायरिंग पुरानी है। फायर को पहुंचने में टाइम लगता है, टाइम लगे तो दम घुटने से मौत भी ज्यादा होगी, आग में फैलेगा।
इमारत नहीं, सुरक्षा के लिहाज से बनाने होेंगे सख्त कानून
जब जिस तरह की इमारत में आग लगती है, उसके लिए कानून बदलते हैं। उपहार, हौजखास रेस्तरां, अंसल भवन अाग घटना में कानून बदले। 2010 में दिल्ली फायर रूल्स 27 में 15 मीटर की बजाय 9 मीटर तक के भवन में इसमें शामिल किए। इससे पहले 1983 में बिल्डिंग बाइलॉज बदले, 1987 में रूल्स बने जिसमें कहा गया था कि 15 मीटर से ऊंची इमारत फायर एनओसी के दायरे में आएंगी। फिर 2007 में भी कानून बदला फिर 2010 में फायर सर्विसेज का रूल बदला। पुरानी दिल्ली पर फायर रूल्स लागू नहीं होते क्योंकि यहां मुगलकाल, अंग्रेजी शासन काल और आजादी के बाद के भी मकान हैं।
धर्मेंद्र डागर | नई दिल्ली .रविवार का दिन हाेने की वजह से छुट्टी थी। एेसे में मजदूरों ने देर रात तक काम किया अाैर गहरी नींद में साे गए। उन्हें नहीं पता था कि तमाम लाेगाें की यह आखिरी रात हाेगी। तड़के अाग लगी ताे कमरों में धुंआ भर गया। धुएं से दम घुट गया अाैर लोग सोते के साेते रह गए। बिल्डिंग में रहने वाले लोगों का कहना है कि समय रहते आग का पता नहीं चल पाया। मूलरूप से यूपी की बुलंदशहर निवासी साइमा ने बताया कि वह बिल्डिंग की पहली मंजिल पर पति मोहम्मद मुजाहिद, दो बच्चे और 2 देवरों के साथ रहती है। सभी लोग फैक्ट्री में पिछले 4 साल से शीशे की पैकिंग का काम कर रहे है।
रविवार का दिन होने के कारण देर रात करीब 2.30 बजे तक काम किया। इसके बाद सो गए। हादसे के समय पहली मंजिल पर करीब 16 से 17 लोग सोए हुए थे। तड़के करीब 5 बजे अचानक शोर सुनाई दिया। उठकर देखा तो धुंआ ही धुंआ था। सबसे पहले पति मुजाहिद को उठाया। उसके बाद दोनों भाइयों व अन्य लोगों को उठाकर बाहर भगाया। पहली मंजिल से लोगों को निकालने के बाद तीनों भाई मुंह पर कपड़ा बांंधकर ऊपर दूसरी मंजिल पर गए। वहां पर दो महिलाओं को गोद में उठाकर बाहर निकाला। कई लोग काफी झकझोरने के बाद भी उठ नहीं पाए। दरअसल धुंआ अधिक होने से बेहाेश हो गए थे। दोनों भाई दम घुटने पर बाहर आ गए। बाद में पुलिस व दमकलकर्मी उन्हें उठाकर अस्पताल ले गए।
बिल्डिंग की पहली मंजिल पर काम करने वाले मोहम्मद शाकिर ने बताया कि कुछ लोगों ने तड़के 4 बजे गाड़ी में माल लोडकर भेजा गया था। इसके बाद सभी सोने चले गए। रविवार की छुटटी होने की वजह से आराम से सो रहे थे। मोहम्मद मुस्तफा ने अलाउद्दीन को बताया, तीन बजे तक फिल्म देख रहे थे, उस वक्त तक कुछ नहीं था। फिल्म देखकर हम सब सो गए। 4:30 बजे अचानक गर्मी लगने लगी। आंखें खुलीं और उठकर कमरे का गेट खोला तो देखा कि बहुत भयंकर आग लगी हुई थी। मोहम्मद मुकीम ने अकील को बताया, मैं सो रहा था, अचानक सांस लेने में दिक्कत होने लगी।
करीब पांच घंटे के ऑपरेशन में डेढ़ सौ फायरकर्मियों ने झोंकी ताकत
फायर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर अतुल गर्ग ने बताया आग बुझाने के लिए चले ऑपरेशन में डेढ़ सौ फायर कर्मियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। दुख इस बात का है हम ज्यादा लोगों की जान नहीं बच पाए और मरने वालों की संख्या इतनी बड़ी हाे गई। आग लग जाने के बाद तुरंत घटना की जानकारी नहीं मिली थी, जब तक टीम मौके पर पहुंची तब तक काफी फैल चुकी थी। शुरु में यह अंदाजा नहीं था कि इस बिल्डिंग में इतने लोग हो सकते हैं। दरअसल, शनिवार को देर रात तक बिल्डिंग में लोगों ने काम किया था, रविवार को छुट्टी का दिन होने की वजह से ज्यादातर मजदूर देर से ही सोकर उठते हैं। जब आग लगी तब ज्यादातर लोग सो रहे थे। धुंआ ही ज्यादातर लोगों की मौत का एक बड़ा कारण बना। वहीं, इस ऑपरेशन के दौरान पीछे की ओर से जाल काटकर भी लोगों को कुछ लोगों को बाहर निकाला गया था।
अाैर हमेशा की तरह आंसुओं पर सियासत
पवन कुमार | नई दिल्ली. निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के दोषी पवन को रविवार देर शाम मंडोली जेल से तिहाड़ जेल शिफ्ट कर दिया गया है। पवन को तिहाड़ के जेल नंबर-2 में रखा गया है। दरअसल मंडोली जेल में फांसी की व्यवस्था नहीं है। हैदराबाद मेें डाॅक्टर युवती से सामूहिक दुष्कर्म अाैर जलाकर मार डालने की वारदात के बाद देश भर में एक बार फिर दुष्कर्मियाें काे जल्दी सजा की मांग उठ रही है।
एेेसे में निर्भया मामले में 7 साल बाद भी फांसी न हाेने काे लेकर खासी नाराजगी सामने अाने के बाद अब इसमें तेजी अाने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट से चाराें काे फांसी की सजा मिल चुकी है। पवन को रविवार को शाम करीब छह बजे जेल नंबर-2 दो की सेल नंबर तीन की 8 नंबर कोठरी में रखा गया है। इसी सेल की 7 नंबर कोठरी में अक्षय और 9 नंबर कोठरी में मुकेश बंद है। तीनों कोठरी पर सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी रखी जा रही है।
नीरज आर्या | नई दिल्ली. जिस इमारत में आग की घटना हुई उसके आसपास कई ऐसी इमारतें हैं जहां अब भी कई मौत की फैक्ट्रियां अब भी चल रही हैं। यहां पर छोटी उम्र के बच्चों से भी काम कराया जाता है। भास्कर संवाददाता ने ऐसी ही एक एक बिल्डिंग में जाकर स्थिति का जायजा लिया। बिल्डिंग की सीढ़ियों पर काफी अंधेरा था। सीढ़ी इतनी संकरी थी कि सिर्फ एक ही शख्स चढ़ या उतर सके। एक कमरे मौजूद मधुबनी बिहार के सुदान ने बताया कि थैले बनाने का काम करता है।
उसके साथ कमरे में 6 लोग रहते हैं। एक थैला के एवज में उसे 5 रुपये मिलते हैं। दिल्ली में आठ साल से रहकर परिवार के लिए दो वक्त की रोजी रोटी का इंतजाम करता है। वह फैक्टरी में सुबह 9 से रात 12 बजे तक काम करता है। औसतन एक शख्स 70-80 बैग बना लेता है। ऐसी ही कहानी बिल्डिंग में मौजूद सद्दाम हुसैन (20) ने सुनाई। कमरे में 8-10 मशीनें लगी हुई थीं। दोनों से कुछ देर बात करके हम वहां से ऊपर की ओर बढ़े। वहां छत पर जाने के गेट पर ताला था। अगर आग लगे तो कोई छत से जान बचा कर नहीं भाग सकता। अनाज मंडी में सिर्फ एक नहीं, बल्कि प्रशासन की नाक के नीचे बड़ी संख्या में मौत की ऐसी फैक्ट्रियां मौजूद हैं।
नई दिल्ली | पहाड़ों पर बर्फ और सर्द हवाओं के चलते देश के उत्तरी हिस्से में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। लद्दाख का द्रास लगातार दूसरे दिन देश में सबसे ठंडा रहा। जबकि दुनिया में यह दूसरी सबसे सर्द रिहायशी जगह रही। वहां न्यूनतम पारा 0.6 डिग्री गिरकर माइनस 26 डिग्री पर पहुंच गया। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में रविवार सीजन का सबसे सर्द दिन रहा। वहां कोहरा छाया रहा और पारा माइनस 4 डिग्री दर्ज किया गया। इससे डल झील भी आंशिक रूप से जम गई है। हिमाचल प्रदेश में शीतलहर चल रही है। वहां केलांग में पारा माइनस 10 डिग्री पर पहुंच गया है। शिमला में पारा रिकॉर्ड 5.1 डिग्री चल रहा है। इधर, दिल्ली में भी कड़ाके की सर्दी शुरू हो गई है।
वहां न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री सेल्सियस रहा। सर्दी बढ़ने के साथ ही हवा की गुणवत्ता में गिरावट आ गई है। पंजाब, हरियाणा में रविवार को पारा सामान्य से कम रहा। उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में कोहरा छाया रहा। सबसे ठंडा मुजफ्फरनगर रहा, जहां पारा 6.2 डिग्री दर्ज किया गया। उधर, राजस्थान के कई हिस्सों में पारा 1 से 3 डिग्री के बीच चल रहा है। सीकर में रविवार को सीजन की सबसे सर्द रात रही। वहां पारा 5.5 डिग्री दर्ज हुआ।
इधर, छत्तीसगढ़ में कम हुई ठंड
रायपुर|रात के तापमान में मामूली वृद्धि से रायपुर समेत पूरे प्रदेश में ठंड कुछ कम हुई है। प्रदेश के ज्यादातर शहरों में रात का तापमान फिर सामान्य से ऊपर चला गया है। उत्तरी छत्तीसगढ़ में पेंड्रारोड और अंबिकापुर में एक-दो दिन पहले तक रात का पारा 8-9 डिग्री तक पहुंच गया था वह फिर से 11 डिग्री के ऊपर है। तापमान में एक से दो डिग्री की वृद्धि से ठंड कम हो गई है। हवा की दिशा जो उत्तर और उत्तर-पूर्वी हुई थी वह थोड़ी सी बदली है। हवा में नमी भी बढ़ गई है। इस वजह से रात के तापमान में वृद्धि हुई है।
नई दिल्ली .कर्मचारियों की वेतन संरचना में हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) भी एक हिस्सा होता है। टैक्स में से एचआरए छूट का लाभ लेने के लिए कर्मचारियों को अपने मकान मालिक से मिला किराया पावती (रेंट रिसीप्ट) या उसके साथ किया गया रेंट एग्रीमेंट अपनी कंपनी को देना होता है। लेकिन मकान का कुल सालाना किराया यदि एक लाख रुपए से अधिक होता है, तो केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के एक सर्कुलर के मुताबिक एचआरए छूट का लाभ लेने के लिए कर्मचारी को अपने मकान मालिक का पैन अपनी कंपनी को देना होता है।
यह अनिवार्य है। लेकिन किसी वजह से मकान मालिक यदि पैन नहीं दे पाए, तो क्या कर्मचारी एचआरए छूट का लाभ नहीं ले सकता? टैक्स के मामले में सलाह देने वाली कंपनी टैक्स4वेल्थ के फाइनेंशियल कोच हिमांशु कुमार ने कहा कि ऐसी स्थिति में भी कर्मचारी एचआरए छूट क्लेम कर सकता है।
यदि कंपनी डिक्लेरेशन को नहीं माने तब क्या हो सकता है?
कंपनी यदि इस डिक्लेरेशन को नहीं मानती है, तो कर्मचारी रिटर्न फाइल करते समय एचआरए क्लेम कर सकता है। लेकिन ऐसी स्थिति में कर्मचारी के पास एक नोटिस आ सकता है। क्योंकि कंपनी ने जो टैक्स फाइल किया है उसमें और कर्मचारी द्वारा फाइल किए गए रिटर्न में अंतर दिखेगा। इस अंतर के कारण इनकम टैक्स विभाग कर्मचारी से यह पूछ सकता है कि यह अंतर क्यों है। उस समय कर्मचारी के पास मकान मालिक द्वारा दिया गया डिक्लेरेशन होना चाहिए, ताकि वह टैक्स विभाग के सवाल का जवाब दे सके।
कर्मचारी को कंपनी के पास जमा करना होगा डिक्लेरेशन
यदि कर्मचारी का सालाना मकान किराया एक लाख रुपए से अधिक है और उसके मकान मालिक के पास पैन कार्ड नहीं है, तो ऐसी स्थिति में कर्मचारी के पास दो विकल्प हैं। पहला यह है कि कर्मचारी को अपनी कंपनी के पास एक डिक्लेरेशन जमा करना होगा। इस डिक्लेरेशन का फॉर्म इनकम टैक्स विभाग ने दे रखा है। इसमें कर्मचारी को अपने मकान मालिक का नाम बताना होता है। उनकी उम्र बतानी होती है। किराया वाले मकान का पता देना होता है। किराया की अवधि बतानी होती है। इसमें मकान मालिक यह घोषणा करता है कि उसके पास पैन कार्ड नहीं है। कंपनी इस घोषणा पत्र को स्वीकार करती है।
नई दिल्ली.दिल्ली के अनाज मंडी इलाके स्थित चार मंजिला इमारत में रविवार को आग लगने से 43 लोगों की जान चली गई। आग की लपटों में घिरे और धुएं से परेशान मुशर्रफ नाम के युवक ने तड़के करीब 5 बजे जिंदगी के अंतिम क्षणों में अपने दोस्त को कॉल किया। करीब साढ़े तीन मिनट की बातचीत के ऑडियो में वह बार-बार दोस्त से अपने परिवार और बच्चों का ध्यान रखने की गुहार लगाता रहा। मुशर्रफ ने दोस्त को बताया कि यहां आग लग गई है और बचने का कोई रास्ता नहीं है।
मुशर्रफने दोस्त (मोनू) को कॉल किया- हैलो मोनू, भैया आज खत्म होने वाला है। आग लग गई है। आ जइयो करोलबाग। टाइम कम है और भागने का कोई रास्ता नहीं है। खत्म हुआ भैया मैं तो, घर का ध्यान रखना। अब तो सांस भी नहीं ली जा रही।
मोनू- आग कैसे लग गई।
मुशर्रफ- पता नहीं कैसे। कई सारे लोग दहाड़ रहे हैं। अब कुछ नहीं हो सकता है। घर का ध्यान रखना।
मोनू- फायर ब्रिगेड को फोन करो।
मुशर्रफ- कुछ नहीं हो रहा अब।
मोनू- पानी वाले को कॉल कर दो।
मुशर्रफ- कुछ नहीं हो सकता है। मेरे घर का ध्यान रखना। किसी को एक दम से मत बताना। पहले बड़ों को बताना (कराहते हुए या अल्लाह)। मेरे परिवार को लेने पहुंच जाना। तुझे छोड़कर और किसी पर भरोसा नहीं है।
मुशर्रफ- अब सांस भी नहीं ली जा रही है।
मोनू- हैलो, हैलो (दूसरी ओर से उल्टी करने और कराहने की आवाज आई)। वो गाड़ी नहीं आई पानी वाली?
मुशर्रफ- पूरी बिल्डिंग में आग लगी दिख रही है भैया। ऊपर वाला जैसे करे। आखिरी टाइम है ये।
मोनू- तू मत जाना मेरे भाई, निकलने या कूदने का कोई रास्ता नहीं है क्या?
मुशर्रफ- नहीं कोई रास्ता नहीं है। (किसी रिश्तेदार से संपर्क करने की बात कहता है)
मोनू- भाई बचने की कोशिश कर, किसी तरह निकल वहां से (मृतक के कराहने की आवाज आती है)।
मुशर्रफ- अब तो गए भैया। तीसरे, चौथे माले तक आग लगी है। किसी से जिक्र मत करना ज्यादा।
मोनू- आग पहुंच गई है या धुआं आ रहा है। बाहर छज्जे की ओर आ जा।
मुशर्रफ- भाई, जैसे चलाना है वैसे मेरा घर चलाना। बच्चों और सब घर वालों को संभालकर रखना। एक दम से घर मत बताना। भैया मोनू तैयारी कर ले अभी आने की।
(यह ऑडियो आग हादसे में जान गंवाने वाले मुशर्रफ के दोस्त मोनू ने मुहैया कराया है)
नई दिल्ली. राजधानी में फिल्मिस्तान स्थित अनाज मंडी इलाके में रविवार काे आग लगने से 43 लोगों की जान चली गई। यहां संकरी गली के चार मंजिला मकान में हर फ्लोर पर प्लास्टिक के सामान और बैग बनाने की फैक्ट्रियां चल रही थीं। आग की गिरफ्त में आया मकान 600 गज के प्लॉट पर बना है। रविवार सुबह 5:22 बजे दूसरी मंजिल से भड़की आग 10 मिनट से भी कम समय में पूरी बिल्डिंग में फैल गई। हादसे के वक्त यहां करीब 100 लोग मौजूद थे। इनमें से ज्यादातर सो रहे थे और दरवाजा अंदर से बंद था। मौके पर पहुंची दमकल की टीम ने ग्रिल काटकर लोगों को बाहर निकाला। उन्हें फौरन एलएनजेपी, लेडी हार्डिंग और आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मकान के ग्राउंड फ्लोर पर प्लास्टिक के खिलौने बनाने की फैक्ट्री थी। दरभंगा के रहने वाले मोहम्मद लाडले ने भास्कर को बताया, ‘जब दूसरी मंजिल पर आग लगी तो लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। मैं तीसरी मंजिल पर था, हम लोग सीढ़ियों के रास्ते नीचे आ गए। लेकिन मेरे साथी परवेज का भाई आदिल ऊपर ही रह गया था। परवेज भाई को बचाने के लिए गया, लेकिन वह नहीं मिला।’ आग में झुलसे परवेज को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
तीसरी मंजिल पर रहने वाले मोहम्मद शाहिद ने बताया कि आग लगने पर कई लोग भागकर नीचे आ गए, वे बच गए। मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक फैक्ट्रियों में काम करने वाले ज्यादातर लोग बिहार के तीन जिले दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर के रहने वाले हैं।
घटनास्थल तक पहुंचने के लिए संकरा रास्ता
घटनास्थल मुख्य रास्ते से करीब 150 मीटर अंदर है। यहां रास्ता काफी संकरा है। इस वजह से एंबुलेंस और दमकल की गाड़ियां एक-एक कर अंदर भेजी गईं। बिल्डिंग में तीन कारखाने चलते हैं। उनके मालिकों के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
फॉरेंसिक टीम मौके पर भेजी गई, शॉर्ट सर्किट की आशंका
दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने बताया कि फैक्ट्री में शॉर्ट सर्किट के चलते आग लगने की आशंका है। प्लास्टिक मटेरियल होने की वजह से धुआं ज्यादा हुआ। इसलिए लोगों की दम घुटने से जान गई। इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच करेगी।
नई दिल्ली .दिल्ली में शनिवार को सुबह कोहरे के कारण दृश्यता कुछ जगह 200 मीटर से भी नीचे तक गिरा। ये कोहरा 11 दिसंबर तक सुबह के समय कुछ ऐसा ही बना रहेगा। न्यूनतम तापमान दिल्ली के अलग-अलग केंद्रों पर 8-12 डिग्री के बीच दर्ज किया गया। दिन का अधिकतम तापमान 22-25 डिग्री के बीच रहा। हवा में नमी की मात्रा 56-97 फीसदी रही। तापमान औसत रहा लेकिन 12-13 दिसंबर को 25-30 किमी की रफ्तार से चलने वाली हवा और हल्की बारिश के कारण एक हफ्ते में तापमान 5 डिग्री तक नीचे गिरकर 20-21 डिग्री तक आने की भविष्यवाणी मौसम विभाग ने की है।
वेबसाइट स्काईमेट के अनुसार 10 दिसंबर को एक ताजा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आने की संभावना है। इससे पहले 11 दिसंबर तक न्यूनतम तापमान सामान्य या सामान्य बना रहेगा। जबकि 11 दिसंबर से वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश में बारिश और बर्फ पड़ेगी जिससे सर्दी का असर पूरे उत्तर भारत पर पड़ेगा। मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि 11 दिसंबर तक न्यूनतम तापमान 8-9 डिग्री व अधिकतम तापमान 24-25 डिग्री रहेगा। लेकिन 12 दिसंबर और 13 दिसंबर को दिन में 25-30 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा के साथ हल्की बारिश अचानक सर्दी बढ़ाएगी।
तेज हवा के कारण एक हफ्ते में तापमान 5 डिग्री तक नीचे जा सकता है
इधर, सीवियर से बहुत खराब की कैटेगिरी में आई हवा, एक्यूआई 371 दर्ज किया गया
शनिवार की दिल्ली एनसीआर की आबोहवा में थोड़ा सुधार दिखाई दिया। एयर क्वालिटी सीवियर से बहुत खराब की श्रेणी में आ गई। हालांकि यह सुधार खुली हवा में सांस लेने लायक नहीं है। खराब बनी हुई आबोहवा की वजह हवा की मंद रफ्तार है, जोकि 11 दिसंबर से सुधरेगी इसके बाद एयर क्वालिटी में भी अच्छा सुधार दिखाई दे सकता है। सीपीसीबी की शाम चार बजे की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली एक्यूआई 371 दर्ज किया गया, जोकि शुक्रवार के मुकाबले 33 प्वाइंट कम है। शुक्रवार को दिल्ली का एक्यूआई 404 दर्ज किया गया था।
आगे क्या
अगले तीन दिन हवा की अधिकतम रफ्तार 5 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा नहीं रहने का अनुमान मौसम विभाग ने जताया है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण 11 दिसंबर को हवा की रफ्तार में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे 12 दिसंबर से हवा में सुधार दिखाई देगा।
नीरज आर्या/धर्मेंद्र डागर | नई दिल्ली .दुष्कर्म की घटनाअाें काे लेकर देशभर में उबाल है। अगर दिल्ली की बात करें ताे पूरी दुनिया काे हिला देने वाले दिसंबर, 2012 के निर्भया कांड के बाद भी यहां कोई बदलाव नहीं आया है। साल 2013 से लेकर 15 नवंबर, 2019 तक दिल्ली के विभिन्न पुलिस थानों में दुष्कर्म के कुल 14,384 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इनमें से किसी को फांसी नहीं हुई। वहीं, छेड़छाड़ और उनकी निजता भंग करने के 33,074 मामले दर्ज हुए हैं।
दुष्कर्म के ज्यादातर मामलों में आरोपी महिलाअाें के जानकार होते हैं। इनमें दोस्त, ऑफिस कर्मचारी, रिश्तेदार, परिवार से जुड़े लोग भी हो सकते हैं। अनजान लोगों द्वारा दुष्कर्म के मामले का प्रतिशत बेहद कम हैं। अपराधियाें का साहस बढ़ने की एक बड़ी वजह उनमें कानून का डर न हाेना है। बहुत से केस काेर्ट तक नहीं पहुंचते, पहुंचे भी तो पुलिस दोषी नहीं साबित कर पाती। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2017 में दिल्ली में महिलाओं से होने वाले अपराध संबंधी मुकदमे (सभी प्रकार के) 11,542 दर्ज हुए थे। जिनमें से पुलिस कोर्ट में केवल 807 आरोपियों को दोषी साबित कर सकी।
जबकि 1,573 आरोपी ऐसे रहे जो सबूतों के अभाव में बरी होने में कामयाब रहे। 2017 में पुलिस चार्जशीट भी केवल 4,054 मामले में ही फाइल कर सकी। बाकी सभी केस कोर्ट में लंबित रहे। बच्चियों से होने वाले दुष्कर्म के केस पॉक्सो कोर्ट में पहुंचते है। इनकी संख्या कम है। न्यायिक कामों का दबाव इतना है, कि वहां पर भी हत्या और डकैती जैसे मामले की सुनवाई होती है।
4 प्रमुख कारण िजसकी वजह से बच िनकलते हैं दरिंदे
पुलिसगैरजिम्मेदाराना रवैया
पुलिस केस दर्ज करने में ही आनाकानी करती है। केस सेटल करने की भी कोशिश की जाती है। कभी-कभी थाना क्षेत्र की भी लड़ाई होती है। पुलिसबल कम और काम ज्यादा। ऐसे में अक्सर लापरवाह तरीके से तफ्तीश की जाती है।
सरकारी वकीलसंख्या कम
सरकारी वकील प्रर्याप्त संख्या में नहीं हैं। स्थिति ये है कि पॉक्सो का केस देख रहे सरकारी वकील ही दूसरे केसों में भी व्यस्त रहते हैं। दुष्कर्म और बच्चियों से सम्बंधी मामले महिला पुलिस देखती है। लेकिन उनकी संख्या भी कम है।
फॉरेंसिक लैबकेवल एक है
दिल्ली में केवल एक रोहिणी फॉरेंसिक लैब, रोहिणी में है। जबकि पुलिस जिलों के हिसाब से 15 होनी चाहिए। इससे डीएनए टेस्ट और फॉरेंसिक रिपोर्ट आने में देरी होती है। लैब से पुलिस को रिपोर्ट देने का समय भी निर्धारित नहीं है।
पीड़िता खुदबयान से पलटना
दुष्कर्म के 40 प्रतिशत केस में पीड़िता खुद अपने बयानों से पलट जाती है। जो पीड़िताएं बयान से मुकरती हैं, उनके लिए ऐसा कोई नियम नहीं है, जिसके तहत उनके खिलाफ कार्रवाई हो सके।
एक्सपर्ट कमेंट| तफ्तीश का लचर तरीका आरोपी को फायदा देता है
कानून विशेषज्ञ मनीष भदौरिया कहते हैं कि दुष्कर्म के आरोपी बड़ी संख्या में इसलिए भी बरी हो जाते हैं, क्योंकि जांच अधिकारी की तफ्तीश का तरीका लचर होता है। जैसे पुलिस पब्लिक के किसी आदमी को गवाह नहीं बनाती। मुलजिम की शिनाख्त परेड नहीं कराई जाती। एफएसएल रिपोर्ट फाइल में नहीं लगाती। डीएनए रिपोर्ट, फोरेंसिक रिपोर्ट, दस्तावेज कोर्ट में देरी से फाइल होने की वजह से केस लंबा चलता है।
इधर, कानून में सजा सख्त ताे है पर हर सजा में शर्तें लागू
केवल 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म पर ही आरोपी को फांसी की सजा हाे। बालिग लड़कियों या महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले में फांसी की सजा केस के हिसाब से तय है। ऐसे मामले में तब ही आरोपी को फांसी मिल सकती है जब उसने दुष्कर्म के बाद बर्बरता की हो, उसे मार डाला हो। मामलों का निपटारा एक साल के भीतर करने के साथ ही यह बात भी जोड़ी गई कि जहां तक संभव हो सके।
बच्चाें का मामला संवेदनशील
दिल्ली में केवल 18 पाॅक्साे कोर्ट हैं, अब 8 अाैर मिले, लेकिन विटनेस रूम में तारीख पर तारीख
दिल्ली में प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्राॅम सेक्सुअल ऑफेंसेस (पॉक्सो) व बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराध व उनके अधिकारों के हनन से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए दिल्ली सरकार ने 8 नए कोर्ट बना दिए हैं। अब दिल्ली में पॉक्सो कोर्ट की संख्या 26 पहुंच गई है। लंबित मामलों की संख्या 7000 से ऊपर है। सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई, 2019 में देश के ऐसे सभी जिलों में पॉक्सो कोर्ट बनाने के निर्देश दिए थे जहां 100 से अधिक मामले पॉक्सो के लंबित हैं। बच्चों के लिए काम करने वाली एक सरकारी एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि कोर्ट की संख्या बेशक 26 पहुंच गई है लेकिन बच्चाें की गवाही लेने वाले कमरे सिर्फ 8 हैं। जिसकी वजह से लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है।
कोर्ट में सुनवाई होती है लेकिन बच्चों की गवाही इसी रूम में होती है। तीस हजारी कोर्ट में एेसा कमरा केवल 1 है। दिल्ली सरकार के बाल संरक्षण ईकाई की उप निदेशक डॉ. निशा अग्रवाल की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार नए कोर्ट उत्तर पश्चिम जिला के रोहिणी कोर्ट में एएसजे-5, पश्चिम जिला के लिए तीस हजारी कोर्ट में एएसजे-9, शाहदरा जिला के लिए कड़कड़डूमा कोर्ट में एएसजे-6, दक्षिण जिला के लिए साकेत कोर्ट में एएसजे-5, उत्तर जिला के लिए रोहिणी कोर्ट में एएसजे-5, उत्तर पश्चिम जिला के लिए रोहिणी में एएसजे-4, दक्षिण पश्चिम जिला के लिए साकेत कोर्ट में एएसजे-5 और दक्षिण पूर्वी जिला के लिए साकेत कोर्ट में एएसजे-6 तय किया गया है।
न्याय के इंतजार में और भी निर्भया
छह साल की मासूम को भी नहीं बख्शा
फ्रूटी दिलाने का लालच देकर दुष्कर्म
घटना|2 जुलाई, 2019
स्टेटस|आरोपी जेल में है
घर के आसपास भी बच्चे सुरक्षित नहीं
घटना|11 फरवरी, 2019
स्टेटस|केस कोर्ट में है
शेखर घोष | नई दिल्ली .रेलवे अाने वाले दिनाें में अपने ढांचे में अामूल-चूल बदलाव की तैयारी में है। इसके तहत कई विभागाें का अापस में विलय हाेगा। इसका मकसद रेलवे की सेवाएं चुस्त-दुरुस्त बनाना अाैर मानव संसाधनाें का पूरा इस्तेमाल करना है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार रेल मंत्रालय शुरू में लेखा और कार्मिक विभाग का विलय करेगा। साथ ही इंजीनियरिंग की विभिन्न श्रेणियों मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल अाैर सिविल का भी एक विभाग में विलय हाेगा।
इससे अधिकारियों के बीच वर्षों से चल रही कैडर की प्रतिद्वंद्विता खत्म करने में मदद मिलेगी। कई विभागों को एक ही विभाग में समायोजित करने के लिए मंत्रालय से अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। एक अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय के आदेश पर जोन और मंडल इसकी तैयारी में जुटे हैं। ढांचे में बदलाव काे लेकर रेल मंत्रालय दिसंबर में ही घोषणा भी कर सकता है।
नई दिल्ली .उन्नाव की दुष्कर्म पीड़ित को इंसाफ दिलाने के लिए शनिवार को दिल्ली में प्रदर्शन हुआ। देर शाम सैकड़ों लोग कैंडल मार्च में शामिल हुए। वे राजघाट से इंडिया गेट की ओर जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने बेरिकेड लगाकर प्रदर्शनकारियों को बीच में ही रोक दिया। पुलिस ने उन पर पानी की बौछार की। इस मार्च में दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के समर्थक भी थे। स्वाति दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की मांग को लेकर बीते 5 दिन से राजघाट पर अनशन कर रही हैं। वाटर कैनन चलने से भगदड़ मच गई।
डीसीडब्ल्यू के अनुसार घटना में कुछ लोग घायल हो गए। तीन लड़कियां भी बेहोश हो गईं। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोग केन्द्र सरकार और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा कि प्रदर्शनकारी जलती हुई चीजों को पुलिस पर फेंक रहे थे ऐसे में वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा।
रात 11:10 पर ही हो गई थी पीड़िता की मौत, डॉक्टरों ने आधे घंटे तक रिवाइव करने की कोशिश की
सफदरजंग अस्पताल में भर्ती उन्नाव रेप पीड़िता की मौत शुक्रवार रात 11:10 पर ही हो गई थी। हालांकि डॉक्टरों ने उसे 11:40 पर डिक्लेयर किया। इस आधे घंटे डॉक्टरों ने दवाइयों और अन्य तरीकों से पीड़िता को रिवाइव करने की कोशिशें कीं लेकिन सांसें वापस नहीं आ पाईं। बर्न विभाग के अध्यक्ष डॉ शलभ ने बताया कि रात करीब 8:30 बजे पीड़िता का बीपी डाउन होने लगा। तभी डॉक्टरों ने दवाएं देनी शुरू की। रात 11:10 पर हालत बिगड़ी और कार्डियक अरेस्ट हुआ।
नई दिल्ली. आयकर विभाग ने शेयर बाजार के बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) से जुड़े ब्रोकर और ट्रेडर्स के 39 ठिकानों पर छापे मारे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने शनिवार को बताया कि 3500 करोड़ रुपए के ट्रांजेक्शन में टैक्स चोरी की आशंका में 3 दिसंबर को यह कार्रवाई मुंबई, कोलकाता, कानपुर, दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव, हैदराबाद और गाजियाबाद में की गई। इस कार्रवाई से शेयर ब्रोकर्स की उस मिलीभगत का राज उजागर हुआ है, जिसे बेहद कम वक्त में इक्विटी वायदा ट्रेडिंग के दौरान शेयर में उतार-चढ़ाव के साथ अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते थे।
इस कार्रवाई से बीएसई में सूचीबद्ध कम से कम तीन ऐसे स्टॉक का भी पता चला, जिनमें गलत तरीके से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ उठाया गया। इसके लिए लाभार्थियों ने करीब 2,000 करोड़ रुपए का हेरफेर किया। छापे में 1.2 कराेड़ रुपए की बेहिसाब नकदी भी जब्त की गई।
नई दिल्ली .भारतीय रेलों की पेंट्री कारों और बेस किचन में खाने की गुणवत्ता को लेकर आए दिन कोई ना कोई शिकायत आती रहती है। तो कई बार यात्रियों को अपनी पसंद का खाना यात्रा दौरान ट्रेनों में उपलब्ध नहीं होता है। लेकिन रेलवे की सहायक कंपनी आईआरसीटीसी ( रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम) यात्रियों की सुविधा के लिए नई पहल करने जा रही है।
आईआरसीटीसी यात्रियों को मनपसंद और गुणवत्ता वाला भोजन उपलब्ध करवाने के लिए ट्रेनों की पेंट्री कारों और बेस किचन में कुकिंग और स्टोरेज की सीसीटीवी से मॉनिटरिंग का फैसला लिया है। ताकि यात्रियों को हाइजेनिक और गुणवत्ता वाला भोजन मिल सके। इसके साथ ही यात्री सफर के दौरान ट्रेनों में जल्द ही नामी कंपनियों के पिज्जा, बर्गर, राजकचौरी, दही-बड़ा,दही-भल्ले,गोल-गप्पे, स्वीट्स, इडली, डोसा, उत्तपम से लेकर दक्षिण भारत के मशहूर ढाबों और रेस्तराओं, वेज-नॉनवेज व्यजंनों की स्वाद ले सकेंगे।
सीसीटीवी कैमरो के जरिए होगी लाइव मॉनिटरिंग
आईआरसीटीसी अब अपने मौजूदा ई-कैटरिंग सर्विस को री-ब्रांडेड कर एक लाख पैसेंजरों से प्रतिदिन फूड ऑर्डर हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। इसके अलावा आईआरसीटीसी अपने मौजूदा ट्रेनों के सभी पैंट्री कारों की रसोई को भी आधुनिक करने जा रही है। पैन्ट्री कारों और बेस रसोइयों में भोजन बनाने वाली अत्याधुनिक कुकिंग टेक्नोलॉजी और उपकरण स्थापित कर रही है। साथ ही भोजन बनाने के प्रोसेस में भोजन को हाईजेनिक और स्टोर करने के काम पर सीसीटीवी कैमरों के जरिए लाइव मॉनिटरिंग करने जा रही है।
देशभर से 700 वेंडरों के साथ किया करार
आईआरसीटीसी के एक अधिकारी ने बताया कि यात्रियों के लिए देशभर के 350 स्टेशनों पर रेलगाड़ियों में खाना पहुंचाने के लिए करीब 700 वेंडरों के साथ एग्रीमेंट किया है। जिसके जरिए देशभर के सभी रूटों की बड़ी ट्रेनों में पैसेंजरों को उनकी पंसद का खाना मुहैया कराने की योजना है। अधिकारी मुताबिक देशभर में प्रतिदिन करीब 2.50 करोड़ से अधिक यात्री ट्रेनों में सफर करते हैं।
नई दिल्ली .संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में शुक्रवार को उन्नाव, मालदा और हैदराबाद में दुष्कर्म के मामले पर जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि एक ओर राम मंदिर बनाया जा रहा है, तो दूसरी ओर सीता मां को जलाया जा रहा है। उन्नाव की पीड़िता 95% जल गई है। देश में क्या हो रहा है। इस पर भाजपा सांसद स्मृति ईरानी ने कहा कि दुष्कर्म को सांप्रदायिक रंग देने वाले आज भाषण दे रहे हैं।
ऐसा दुस्साहस मैंने पहले नहीं देखा। उन्होंने आरोप लगाया कि केरल के दो कांग्रेस सांसद आस्तीन चढ़ाकर उनकी ओर बढ़े। स्मृति ने कहा कि कांग्रेस को इस व्यवहार के लिए माफी मांगना चाहिए। स्मृति ने यह भी कहा कि उन्नाव की बात करने वाले पश्चिम बंगाल के मालदा को भूल गए। पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में दुष्कर्म को सियासी हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया। बहस के बाद कांग्रेस सांसदों ने सदन से वॉक आउट किया।
सत्ता पक्ष : भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि उन्नाव मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। हैदराबाद मामले पर उन्होंने कहा कि अगर कोई नृशंस अपराध करने के बाद भागने की कोशिश करेगा, तो पुलिस अपनी बंदूकों का इस्तेमाल करेगी। अब इस मामले को सनसनीखेज नहीं बनाया जाना चाहिए।
{अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने कहा कि ऐसे अपराधों से बचने के लिए सिस्टम का डर होना चाहिए। निर्भया केस में मौत की सजा सुनाई गई थी, पर दोषियों को अब तक फांसी पर नहीं लटकाया गया।
विपक्ष: शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि ऐसे कानून बने, जिससे महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ सुनवाई सीधे सुप्रीम कोर्ट में हो।
{तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने कहा कि हर बार हम इन मुद्दों पर चर्चा करते हैं। निर्भया कांड के दोषियों को घटना के सात साल बाद भी सजा नहीं मिली। जबकि सख्त सजा का प्रावधान मौजूद है।
{बसपा सांसद दानिश अली ने कहा कि दुष्कर्म के आरोपी जमानत के लिए कोर्ट जाते हैं, तो पुलिस चुप क्यों हो जाती है। उन्नाव मामले में राज्य पुलिस और सरकार की इच्छाशक्ति में कमी दिखी।
सुकून: हैदराबाद में घटनास्थल पर पहुंचे लोगों ने पुलिस के समर्थन में नारे लगाए
देश का हाल: प. बंगाल में एक पीड़िता के परिजन बोले- पुलिस ने सही किया
बड़े केस: 2 पर सुनवाई जारी, एक में फैसला 12 को, निर्भया में दया याचिका
कमिश्नर सज्जनार, तुरंत न्याय के िलए जाने जाते हैं
हैदराबाद | तेलंगाना में वेटरनरी डॉक्टर की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के चारों आरोपी शुक्रवार अलसुबह एनकाउंटर में मारे गए। इस एनकाउंटर काे अंजाम देने वाले आईपीएस साइबराबाद कमिश्नर यशवंत सज्जनार की छवि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की रही है। वे इसी तरह तुरंत न्याय के िलए जाने जाते हैं। यह संयाेग ही है कि 11 साल पहले भी इन्हीं की अगुआई में एसिड अटैक के 3 आरोपी इसी तरह मुठभेड़ में मारे गए थे। 1996 बैच के सज्जनार अविभाजित आंध्र में अहम पदों पर रह चुके हैं। वे वारंगल (तेलंगाना) और मेढक के एसपी भी रह चुके हैं। उसी दाैरान उन्हाेंने छात्रा पर एसिड फेंकने वालों का एनकाउंटर िकया था। तीन युवकों ने यह काम किया था। सज्जनार की अगुआई में पुलिस ने 12 दिसंबर 2008 काे तीनों आरोपियों को गिरफ्तार िकया था, पर कुछ घंटे बाद ही वे एनकाउंटर में मारे गए थे। मेढक के एसपी रहते कॉन्स्टेबल की हत्या के आरोपी अफीम तस्कर का एनकाउंटर किया था। अगस्त 2016 में सज्जनार के नेतृत्व में पुलिस ने नक्सली से गैंगस्टर बने नईमुद्दीन को मार गिराया गया था।
दो एनकाउंटर, जिन पर सवाल उठे...
वारंगल एनकाउंटर: 2017 में वारंगल की 10 वर्षीय लड़की का स्कूल से अपहरण हुआ था। उसे मारकर शव कुएं में फेंक िदया था। तत्कालीन एसपी साैम्या िमश्रा ने अाराेपी काे पकड़ा। उसे क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्शन के िलए ले जाया गया। अाराेपी ने भागने की काेशिश की अाैर पुलिस ने उसे मार िगराया।
सिमी के आतंकियों का एनकाउंटर: 31 अक्टूबर 2016 में भाेपाल की जेल से िसमी के 8 संदिग्ध अातंकी कॉन्सटेबल की हत्याकर भाग गए थे। पुलिस ने इनका पीछा िकया था। सभी अाठ िसमी गुर्गाें काे मुठभेड़ में मार िगराया था।
वर्ल्ड मीडिया
देशभर में पहले पुलिस के रवैये पर गुस्सा था, अब जश्न का माहौल है
अमेरिका का लॉस एंजेलिस टाइम्स : एनकाउंटर के कारण पुलिस पर लोगों का विश्वास फिर जागा
एनकाउंटर के बाद लोग पुलिसकर्मियों को गले लगा रहे थे। उन्हें हाथों में उठा रहे थे। लंबी उम्र की दुआएं दे रहे थे। पुलिस पर लोगों का विश्वास फिर जागा है। पहले देशभर में पुलिस के रवैये पर गुस्सा था। अब जश्न का माहौल है।
पाक का डॉन : भारत की पुलिस पर एनकाउंटर के आरोप पहले भी लगे हैं, कश्मीर में भी ऐसा हुआ
भारतीय पुलिस पर एनकाउंटर के आरोप पहले भी लगे हैं। मुंबई में गैंगस्टरों को खत्म करने और पंजाब-कश्मीर में भी कुछ हालातों में एनकाउंटर किए गए। भारत में पुलिस एनकाउंटर पर कई फिल्में भी बनाई जा चुकी हैं।
कतर का अलजजीरा: क्या पुलिस ने आरोपियों को आखिर में बचाने की कोई कोशिश की होगी
अभी यह खुलासा नहीं हुआ है कि पुलिस ने एनकाउंटर के समय चारों आरोपियों को एक साथ बांधा था या नहीं। गोलियां चलाने के बाद कितने पुलिस अधिकारियों ने चारों आरोपियों को जिंदा बचाने की कोशिश की होगी।
ब्रिटेन का बीबीसी : जश्न के बीच यह भी सोचें कि महिलाओं की लड़ाई पीछे तो नहीं चली जाएगी
एनकाउंटर पर जश्न है। पर कई महिला अधिकार कार्यकर्ता मान रहे हैं कि ये जश्न मनाती आवाजें महिला अधिकारों की लड़ाई को पीछे तो नहीं ले जाएंगी। एनकाउंटर पर न्याय का उत्सव मनाने वाले को यह जरूर सोचना चाहिए।
सोशल मीडिया
कोर्ट ने दो दिन पहले ही आरोपियों को पुलिस को सौंपा था, हिरासत से भागने पर गंवाई जान
हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर से दुष्कर्म और उसकी हत्या के चारों आरोपियों का शुक्रवार को अंत हो गया। घटना के 10 दिन में ही पुलिस ने उन्हें एनकाउंटर में मार गिराया। दो दिन पहले कोर्ट ने आरोपियों को पुलिस हिरासत में भेजा था। इस घटना के बाद देश में न्याय प्रक्रिया के सवाल पर एक बार फिर बड़ी बहस छिड़ गई है।
27 नवंबर: डॉक्टर से दुष्कर्म और उसकी हत्या
हैदराबाद की वेटरनरी डॉक्टर से दुष्कर्म और उसकी जलाकर हत्या की गई। पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया कि वे थाने पहुंचे। पर साइबराबाद पुलिस उन्हें दौड़ाती रही। जल्द कार्रवाई होती तो बेटी बच जाती।
2 दिसंबर: संसद में दोषियों पर आक्रोश उठा
संसद में आक्रोश। सांसदों ने दोषियों को शीघ्र फांसी देने, भीड़ के हाथों लिंचिंग और उन्हें नपुंसक बनाने की मांग की। सांसदों ने यह भी कहा कि अब तक निर्भया मामले के दोषियों को फांसी क्यों नहीं दी गई।
28 नवंबर: पुल के नीचे पीड़िता का शव मिला
शादनगर के एक पुल के नीचे पीड़िता का जला हुआ शव मिला। हैदराबाद में प्रदर्शन हुए। लेकिन तब भी जांच में तेजी नहीं आई। सोशल मीडिया पर घटना के खिलाफ आवाज उठी। देशभर में आक्रोश बढ़ा।
3 दिसंबर: 80 लाख ने पोर्न साइट सर्च की
एक तरफ हैदराबाद से लेकर दिल्ली तक देश दर्द और गुस्से में डूबा था। दूसरी तरफ खबर आई कि करीब 80 लाख लोग पोर्न साइटों पर 'हैदराबाद गैंग रेप' सर्च कर रहे थे। लोगों ने पीड़िता के नाम से भी सर्च किया।
30 नवंबर: देशभर में आक्रोश, थाने का घेराव
पूरे देश में आक्रोश उठा। हैदराबाद में लोगों ने थाने पर हल्ला बोला। एक आरोपी की मां ने कहा कि बेटा दोषी है तो उसे फांसी दें। कोर्ट ने आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा। चार पुलिसकर्मी निलंबित।
5 दिसंबर: पीड़िता के पहचान पर चर्चा
लोकसभा में टीडीपी सांसद जयादेव गल्ला ने कहा कि पीड़िता और उसके परिवार की पहचान बार-बार उजागर हो रही है। इस पर रोक लगाई जाना चाहिए। यह किसी भी नागरिक की निजता के अधिकार का हनन है।
1 दिसंबर: फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की घोषणा
तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी। पुलिस ने कहा- आरोपियों को अपनी हिरासत में लेने की मांग करेगी।
6 दिसंबर: चारों आरोपियों का एनकाउंटर
आरोपियों को पुलिस क्राइम सीन क्रिएट करने के लिए घटना स्थल ले गई। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने भागने की कोशिश की। तब उन्होंने चारों आरोपियों को मार गिराया। फिर एनकाउंटर पर देश में बहस छिड़ी।
एक्सपर्टस बोले-जजों की संख्या बढ़ाकर और सीआरपीसी के प्रावधान बदलकर दिया जा सकता है पीड़ितों को जल्द न्याय
हैदराबाद में दुष्कर्म के बाद पीड़िता को जलाकर मारने और उन्नाव में दुष्कर्म पीड़िता को जिंदा जला देने की घटनाओं से नई बहस छिड़ गई है। देशभर में मांग की जा रही है कि सरकार ऐसा कानून बनाए, जिससे दुष्कर्म संबंधी मामलों का न केवल जल्द निपटारा हो, बल्कि सजा पाने वाले अपराधियों को जल्द ही सजा दी जाए। पवन कुमार ने विशेषज्ञों से इस पर बात की...
अपराधी को सजा देनी ही है तो राष्ट्रपति चंद घंटों में याचिका देखकर फैसला क्यों नहीं देते
पुलिस व प्रशासन में अपराधों को लेकर संवेदनशीलता और कर्तव्यशीलता की कमी है। लोगों की सुरक्षा में चंद वहीं, नेताओं, वीआईपी और अधिकारियों की सुरक्षा के लिए अधिक पुलिसकर्मी होते हैं। फील्ड के पुलिसकर्मी मामले की जांच का समय ही नहीं निकाल पाते। नेताओं की सुरक्षा के चलते पुलिस काम समय से नहीं कर पाती। जिससे अक्सर आपराधिक मामलों में चार्जशीट समय से दायर नहीं होती। वहीं, राष्ट्रपति के पास दया याचिका अनिश्चितकाल तक लंबित क्यों रहती है। उन्हें सजा देनी है तो वे क्यों नहीं चंद घंटों में याचिका देखकर फैसला क्यों नहीं दे देते।
देशभर में दुष्कर्म के लाखों केस लंबित, जल्द न्याय के लिए जजों की संख्या बढ़ाई जाए
आज देशभर में लोग दुष्कर्म पीड़िताओं को जल्द न्याय देने के लिए नया कानून व प्रणाली बनाने और ऐसे मामले जल्द निपटाने के लिए टाइमलाइन की बात हो रही है। पर जमीनी तौर पर यह कारगर नहीं है। दुष्कर्म और हत्या के लिए कड़े कानून पहले से ही हैं, तो क्या ये अपराध बंद हो गए? सरकार नए कानून बना तो सकती है, पर समस्या इन्हें लागू कराने की है। इसकी जिम्मेदारी जजों के कंधों पर है। देशभर में लाखों दुष्कर्म के मुकदमे लंबित हैं। जजों के बहुत से पद खाली पड़े हैं और बहुत से जजों की संख्या बढ़ाए जाने की भी जरूरत है।
सरकार चाहे तो हाईकोर्ट के बाद सीधे सुप्रीम कोर्ट और बाद के विकल्पों को हटा सकती है
जघन्य अपराध में मौत की सजा पाने वाले अपराधियों को जल्द सजा दिलाने के लिए सीआरपीसी के प्रावधानों में बदलाव करना होगा। मौजूदा प्रावधानों के अनुसार पहले सेशन कोर्ट सजा देती है। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी जाती है। हाईकोर्ट के बाद रिव्यू पिटीशन और फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाती है। फिर पुनर्विचार याचिका। इसके बाद क्यूरेटिव याचिका का अधिकार होता है। फिर राज्य सरकार और फिर राष्ट्रपति के पास दया याचिका का अधिकार है। सरकार चाहे तो हाईकोर्ट के बाद सीधे सुप्रीम कोर्ट और उसके बाद के विकल्पों को हटा सकती है।
नोएडा .सेक्टर-142 मेट्रो स्टेशन से बोटेनिकल गार्डन तक लाइट मेट्रो (मेट्रो लाइट) चलाई जाएगी। इसकी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) डीएमआरसी रिवाइज्ड करेगी। पहले इस विस्तार की डीपीआर नार्मल मेट्रो के अनुसार बनाई गई थी। बिल्ट आपरेट ट्रांसफर (बीआेटी) के आधार पर मेट्रो लाइन का विस्तार किया जाएगा। सर्वे के अनुसार करीब 10 लाख मुसाफिर प्रतिमाह इस लाइन में सफर करेंगे। एनएमआरसी इस लिंक के लिए उत्साहित है और इससे अधिक राजस्व मिलने की उम्मीद है। 2016 में डीएमआरसी ने सेक्टर-142 से बोटेनिकल गार्डन तक के विस्तार की डीपीआर तैयार की थी।
डीपीआर के तहत इस विस्तार के लिए 2826.00 करोड़ रुपए खर्च किए जाने थे। अब यहां लाइट मेट्रो चलाने का प्रस्ताव बनाया गया है। इस प्रस्ताव के आधार पर डीएमआरसी मेट्रो की पुरानी डीपीआर को रिवाइज्ड करेगी। हालांकि इसमें स्टेशनों की संख्या को घटाया-बढ़ाया नहीं गया है। लेकिन प्रस्तावित लागत करीब आधे से कुछ ज्यादा रहेगी। इससे एनएमआरसी को फायदा मिलेगा।
पहले चलनी थी नार्मल मेट्रो व चलेगी लाइट मेट्रो, बजट में आएगी कमी
बोटेनिकल गार्डन होगा लिंक स्टेशन
सेक्टर-142 से बोटेनिकल गार्डन तक के विस्तार में कुल छह स्टेशन बनाए जाएंगे। इसमें सेक्टर-136, सेक्टर-91, सेक्टर-93, सेक्टर-98, सेक्टर-125 व सेक्टर-94 को शामिल किया गया है। सेक्टर-142 ट्रेन का ओरिजन स्टेशन होगा, जबकि बोटेनिकल गार्डन इसका अंतिम स्टेशन होगा। इन दोनों स्टेशनों पर लाइट मेट्रो के लिए अलग से प्लेटफार्म बनाए जाएंगे। बोटेनिकल गार्डन लिंक स्टेशन होगा। यहां से यात्री मैजेंटा व ब्लू लाइन के लिए मेट्रो बदल सकेंगे। वहीं, जिनको ग्रेनो जाना है वह लाइट मेट्रो से सेक्टर-142 स्टेशन जा सकेंगे।
लाइट मेट्रो के बारे में वह सब जो आप जानना चाहते हैं
सेक्टर-142 से बोटेनिकल गार्डन तक लाइट मेट्रो चलाई जाएगी। डीएमआरसी इस लाइन की बन चुकी डीपीआर को रिवाइज्ड करने जा रही है। रिवाइज्ड डीपीआर को प्रदेश सरकार मंजूरी के लिए भेज जाएगा। -पीडी उपाध्याय, कार्यंकारी निदेशक , एनएमआरसी
प्रदेश व केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव तैयार कर जाएगा भेजा | सेक्टर-71 से नॉलेज पार्क-5 तक मेट्रो विस्तार को मंजूरी मिलने के बाद अब इस लाइन के विस्तार के लिए इसे प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार व एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के पास भेजा जाएगा। एनएमआरसी ने बताया कि रिवाइज्ड डीपीआर आने के साथ ही इस प्रक्रिया पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा। बहराल, सेक्टर-71 से नॉलेज पार्क-5 तक मेट्रो विस्तार के लिए सर्वे का काम किया जा रहा हैं। फरवरी में इसका निर्माण शुरू किया जा सकता है।
रिवाइज्ड डीपीआर के बाद निर्माण में 30 फीसद कम आएगा खर्चा| लाइट मेट्रो चलने से वर्तमान लागत से 30% कम खर्चा आएगा। इस फंड का प्रयोग मेट्रो के संचालन में किया जा सकता है। वर्तमान में जो मेट्रो चल रही है एलिवेटेड लाइन बिछाने में एक किमी पर 250 से 350 करोड़ रु. का खर्च आता है। वहीं भूमिगत ट्रैक पर 700 करोड़ रुपये प्रतिकिमी तक पहुंच जाता है। लाइट मेट्रो ट्रैक का 1 किमी का खर्च सिर्फ 100 करोड़ रु. आता है। ऐसे में 2016 में बनी डीपीआर के अनुसार 2826.00 करोड़ रु. से काफी कम लागत पर इस नए रूट को बनाया जा सकेगा।
हैदराबाद/नई दिल्ली .वेटरनरी डाॅक्टर के साथ सामूहिक दुष्कर्म अाैर हत्या के बाद उसे जलाने के चाराें अाराेपियाें काे हैदराबाद पुलिस ने शुक्रवार तड़के एनकाउंटर में मार गिराया। घटना सुबह 5.45 से 6.15 के बीच शादनगर कस्बे में उस जगह से करीब 400 मीटर दूर हुई, जहां अाराेपियाें ने डाॅक्टर काे जलाया था। क्राइम सीन री-क्रिएट करने अाैर डाॅक्टर का सामान बरामद करने पुलिस चाराें काे ले गई थी। इसी दाैरान अाराेपियाें ने पुलिस पर हमला कर दिया अाैर हथियार छीनकर भागे।
साइबराबाद के पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार ने बताया कि पुलिस की जवाबी कार्रवाई में चाराें मारे गए। सुबह-सुबह अाराेपियाें की माैत की खबर सुनते ही देशभर में लाेग जश्न मनाने लगे। हैदराबाद में घटनास्थल काफी संख्या में लाेग पहुंच गए। भीड़ ने जवानाें काे कंधाें पर उठाया। फूल बरसाए। वारदात 27 नवंबर काे हुई थी। अाराेपी 29 नवंबर काे पकड़े गए।
11 साल बाद फिर वही दृश्य
सज्जनार 2008 में वारंगल के एसपी थे। तब वहां तीन लोगों ने एकतरफा प्यार में दो छात्राओं पर तेजाब फेंका था। तीनों पकड़े गए। कुछ घंटे बाद ही एनकाउंटर हो गया। तब भी पुलिस क्राइम सीन री-क्रिएट कर रही थी।
क्या एनकाउंटर का ये जश्न न्याय में देरी की निराशा से जन्मा है?
क्योंकि... 2018 में देश में 162 लाेगाें काे ट्रायल काेर्ट ने माैत की सजा सुनाई। यह दाे दशक में सबसे ज्यादा अांकड़ा है। दुष्कर्म के सबसे ज्यादा मामलाें वाले मध्यप्रदेश में मई 2018 से अब तक 29 दुष्कर्मियों को फांसी की सजा सुनाई गई है, लेकिन सभी अपील में लंबित हैं। 23 केस नाबालिग से दुष्कर्म के हैं।
इसलिए... राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी शुक्रवार को कहा कि बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को दया याचिका का हक नहीं होना चाहिए। विधि विशेषज्ञ भी सजा पर तय समय में अमल के लिए सख्त कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।
मौत की सजा के बाद ऐसे जिंदा रहते हैं अपराधी
सेशन कोर्ट से मौत की सजा मिलने के बाद इस पर हाईकोर्ट की मुहर जरूरी है। इसके लिए कानून में समयावधि तय है।
(हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की मियाद तय नहीं है।)
भास्कर विचार
निर्णायक कानून अब नहीं तो आखिर कब?
हैदराबाद में जाे हुआ वो किसी हिंदी या तेलुगु फिल्म के सीन जैसा है। दुष्कर्म के चारों आरोपी वहीं मारे गए, जहां लड़की को जलाया गया था। पुलिस वाले भी घायल हुए, गोलियां बचाव में चलीं और चला दी गईं। सारा देश यही बात कर रहा है कि यह सही है या गलत। एक तरफ बेटियों के माता-पिता, ज्यादातर युवा, पुलिस की जयकार कर रहे हैं। दूसरी तरफ कई लोग इसे गलत बता रहे हैं। सजा होनी चाहिए और बहुत सख्त, तत्काल होनी चाहिए, यह बात सब मानते हैं।
मुद्दा सजा के तरीकों का है। एनकाउंटर पर आमजन की प्रतिक्रिया देखकर विधायिका और न्यायपालिका को समझ लेना चाहिए कि जल्द बहुत सख्त और निर्णायक कानून बनाना ही पड़ेगा। उसके परिणाम भी दुष्कर्मों के तमाम लंबित मुकदमों में दिखाने होंगे। ताकि कानून के प्रति विश्वास अटूट रहे। घटना का दूसरा खतरनाक पहलू यह है कि पुलिस के जयकारे बहुत कम लगते हैं और तेलंगाना पुलिस हीरो बन गई है। यदि शीघ्र ही निर्णायक कानून बनाकर अमल में नहीं लाया गया तो बाकी प्रदेशों की पुलिस भी जयकाराें से उत्साहित होकर अलग रुख अख्तियार कर सकती है। तब देश की व्यवस्था बड़ी चुनौती होगी। उम्मीद की जानी चाहिए कि हैदराबाद एनकाउंटर मील का पत्थर साबित होगा, जिसकी आग में तपकर एक बहुत सख्त और निर्णायक कानून जल्द सामने आएगा।
निर्भया कांड: अब सिर्फ राष्ट्रपति के फैसले का इंतजार
गृह मंत्रालय ने निर्भया के दाेषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद को भेज दी। दिल्ली सरकार भी उसकी याचिका खारिज करने की सिफारिश कर चुकी है। अब राष्ट्रपति के अंतिम फैसले का इंतजार है। निर्भया की मां ने भी राष्ट्रपति काे लिखा- ‘दया याचिका फांसी टालने का हथकंडा है। इसे खारिज करें।’
डॉक्टर को दुष्कर्म के बाद जहां जलाया था, पुलिस एनकाउंटर में चारों वहीं ढेर
एक्शन: क्राइम सीन री-क्रिएट करते समय आरोपियों ने हमला किया, जवाब में मारे गए
रिएक्शन: पुलिस को बधाई के साथ इनाम भी, मानवाधिकार आयोग ने जांच के आदेश दिए
डिस्कशन: राष्ट्रपति बोले- दुष्कर्म के दाेषियाें काे दया याचिका का हक न रहे
हैदराबाद: एनकाउंटर से मृत्युदंड
27 नवंबर की रात चारों ने वेटरनरी डॉक्टर को स्कूटर पार्क करते हुए देखा। इन्होंने स्कूटर पंक्चर किया, ताकि डॉक्टर इनसे मदद ले। फिर इन्होंने सामूहिक दुष्कर्म किया। मरने के बाद भी दुष्कर्म किया। शव जलाकर फेंक दिया। अब 10वें दिन चारों खत्म...
लेकिन इधर...
95% जली उन्नाव की दुष्कर्म पीड़ित ने देर रात दम तोड़ा
आखिरी शब्द थे...
‘मैं बच तो जाऊंगी न? मैं मरना नहीं चाहती। गुनहगारों को मत छोड़ना।’
95% झुलसी उन्नाव की दुष्कर्म पीड़ित जिंदगी की जंग हार गई। शुक्रवार रात 11.40 बजे कार्डियक अरेस्ट के बाद उसने सफदरजंग अस्पताल में अाखिरी सांस ली। जमानत पर छूटे दुष्कर्म के अाराेपियाें ने गुरुवार तड़के उसे अाग लगा दी थी। जलते शरीर के साथ एक किमी तक भागकर उसने लाेगाें की मदद से पुलिस काे अापबीती बताई थी। गुरुवार देर रात उसे एयरलिफ्ट कर सफदरजंग अस्पताल लाया गया था। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. सुनील गुप्ता ने कहा कि अस्पताल पहुंचने के बाद पीड़ित पूछ रही थी कि वह बच तो पाएगी? वह जीना चाहती थी। उसने अपने भाई से कहा था कि उसके गुनहगार बचने नहीं चाहिए। पांचों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए थे। इनमें से दो वही हैं, जिन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया था।
{पुलिस ने दुष्कर्म का मामला तक दर्ज नहीं किया था। तीन माह बाद कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज हुआ। दो आरोपियों ने जमानत पर छूटने के अगले ही दिन उसे आग लगा दी।
नई दिल्ली .अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले के िखलाफ शुक्रवार काे मुस्लिम पक्षकाराें ने पांच नई पुनर्विचार याचिकाएं दायर की हैं। वरिष्ठ वकील राजीव धवन और जफरयाब जिलानी के निर्देश पर तैयार पुनर्विचार याचिकाअाें काे वकील एमआर शमशाद ने दायर किया। इसमें कहा गया है कि संविधान पीठ का 9 नवंबर का फैसला ढांचा ढहाने अाैर मस्जिद में अवैध रूप से मूर्ति रखने वालाें के गैर-कानूनी काम काे सही ठहराने जैसा लगता है।
सुप्रीम कोर्ट में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेतृत्व में हाजी महबूब, मिसबाहुद्दीन, हसबुल्ला, पीस पार्टी और रिजवान अहमद ने पुनर्विचार याचिकाएं दायर की हैं। अयाेध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने की 27वीं बरसी पर दायर इन याचिकाअाें के साथ पुनर्विचार याचिकाओं की कुल संख्या 9 हाे गई है।
नईदिल्ली. हैदराबाद में वेटनरी डॉक्टर से गैंगरेप और जलाकर मारने के आरोपियों का पुलिस ने एनकाउंटर किया। देश में पहले भी कई एनकाउंटर हुए हैं, लेकिन यह पहला मामला है जब पुलिस ने दुष्कर्म-हत्या के आरोपियों को मार गिराया हो। हम आपको देश के 10 चर्चित एनकाउंटर के बारे में बता रहे हैं, जो काफी चर्चित रहे। इन मामलों पर राजनीति भी खूब हुई, कुछ पर तो बॉलीवुड ने सुपरहिट फिल्में भी बनाई गई हैं।
जेल से भागे सिमी सदस्यों का एनकाउंटर
2016 में भोपाल की सेंट्रल जेल से 30-31 अक्टूबर की दरमियानी रात भागे 8 सिमी आतंकियों को पहाड़ी पर घेरकर पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था। आतंकियों ने जेल से भागते वक्त एक कांस्टेबल का मर्डर भी किया था। इसके बाद चादर की रस्सी के सहारे फरार हो गए थे। बाद में इन आंतकियों को ईंटखेड़ी के पास घेरा गया था। पुलिस के अनुसार दोनों तरफ से गोलीबारी हुई थी, जिसमें सभी फरार कैदियों को मार गिराया गया था।
बटला हाउस एनकाउंटर
13 सितंबर 2008 को दिल्ली के करोल बाग, कनाट प्लेस, इंडिया गेट और ग्रेटर कैलाश में हुए सीरियल बम ब्लास्ट से पूरा देश दहल गया था। दिल्ली पुलिस ने जांच के बाद बम ब्लास्ट के लिए आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन को दोषी माना था। 19 सितंबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के नेतृत्व में बटला हाउस पहुंचे। वहां दोनों ओर से फायरिंग हुई। इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को दो गोलियां लगी थी। दो आरोपी आरिज और शहजाद दूसरे गेट से निकल कर भागने में कामयाब रहे। गोलियां लगने से आतिफ अमीन और साजिद की मौत हो गई। पुलिस ने दो आतंकियों को भागते समय गिरफ्तार कर लिया। बाटला हाउस पर इसी साल जॉन अब्राहम ने फिल्म बनाई थी, जो सुपरहिट हुई थी।
वडाला एनकाउंटर
1982 के इस मामले में मुंबई पुलिस (तब बॉम्बे पुलिस) ने गैंगस्टर मान्या सुर्वे का एनकाउंटर किया था। मान्या सुर्वे की उस समय बॉम्बे में बहुत दशहत थी। वह पुलिस के लिए काफी मुसीबत बन गया था। 11 जनवरी 1982 को पुलिस ने वडाला इलाके में उसे घेर लिया था। पुलिस के अनुसार मान्या सुर्वे को आत्मसमर्पण करने का मौका भी दिया गया, लेकिन उसने फायरिंग शुरू कर दी। सुर्वे के सीने और कंधे में 5 गोलियां लगी थी और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इस घटना पर शूटआउट एट वडाला फिल्म बनी थी, जिसमें मान्या सुर्वे का किरदार विवेक ओबरॉय ने निभाया था।
आनंद पाल एनकाउंटर
2017 में राजस्थान के 5 लाख के इनामी गैंगस्टर आनंद पाल का एनकाउंटर किया गया था। राजस्थान के सालासर में एनकाउंटर के दौरान उसे मार गिराया गया। मुठभेड़ के दौरान आनंदपाल और उसके दो साथियों ने एके 47 समेत अन्य हथियारों से पुलिस पर करीब 100 राउंड फायर किए थे। आनंदपाल को 6 गोलियां लगीं। इस मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे। एनकाउंटर से डेढ़ साल पहले गैंगस्टर आनंदपाल सिंह पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच भाग निकला था। पुलिस विभाग के आंकड़ों के अनुसार आनंदपाल को पकड़ने में 8 से 9 करोड़ रुपए खर्च हो चुके थे।
इशरत जहां एनकाउंटर
2004 में हुए एनकाउंटर में गुजरात पुलिस ने इशरत जहां उसके दोस्त प्रनेश पिल्लई उर्फ जावेद शेख और दो पाकिस्तानी नागरिकों अमजदाली राना और जीशान जोहर को आतंकी बताते हुए ढेर कर दिया था। इशरत जहां केस में पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा, पूर्व एसपी एनके अमीन, पूर्व डीएसपी तरुण बरोट समेत 7 लोगों को आरोपी बनाया गया है. पूर्व डीजीपी पीपीपी पांडेय को बीते साल सीबीआई अदालत ने इस मामले में आरोप मुक्त कर दिया गया था।
सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर
26 मार्च 2003 को गुजरात के गृहमंत्री हरेन पंड्या की गोली मारकर हत्या हुई थी। हत्या और उसकी साजिश रचने का आरोप सोहराबुद्दीन शेख पर था। घटना के बाद से वह फरार था। जबकि, उसका साथी तुलसी प्रजापति पकड़ा गया था। 2005 में अहमदाबाद में राजस्थान और गुजरात पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन करके सोहराबुद्दीन शेख को मार गिराया था। यह मामला बहुत चर्चाओं में रहा था।
तुलसी प्रजापति एनकांउटर
तुलसी प्रजापति सोहराबुद्दीन शेख का साथी और शार्प शूटर था। पुलिस ने तुलसी को हरने पंड्या की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया था। 2007 में अहमदाबाद पेशी पर ले जाते समय तुलसी को उसके साथी छुड़ाकर ले जाने आए थे। इसी दौरान हुई मुठभेड़ में तुलसी मारा गया था। इस मामले की आंच पुलिस के साथ भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, राजस्थान के तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, उद्यमी विमल पाटनी, गुजरात के राजकुमार पाण्डेर पर भी आई थी।
पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर
इसी साल अक्टूबर में उप्र के झांसी की पुलिस ने कथित रेत माफिया पुष्पेंद्र यादव का एनकाउंटर कर दिया था। पुलिस का कहना था कि मोंठ थाना प्रभारी ने उसका अवैध बालू से लदा ट्रक पकड़ा था, जिसके बाद उसने उन पर हमला किया था। मुठभेड़ में पुष्पेंद्र मारा गया। वहीं, पुष्पेंद्र के परिजनों ने पुलिस पर घूस न देने पर हत्या करने का आरोप लगाया था। इस मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उप्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे।
वारंगल एनकाउंटर
हैदराबाद रेप और मर्डर केस के आरोपियों का मार गिराने वाले पुलिस कमिश्नर वीजे सज्जनार पहले भी एक एनकाउंटर से चर्चा में आए थे। 2008 में सज्जनार वारंगल के एसपी थे। तब दिसंबर 2008 में एक महिला पर एसिड अटैक हुआ था। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस जब आरोपियों को घटनास्थल पर लेकर जा रही थी तो वह भागने की कोशिश करने लगे। पुलिस ने मुठभेड़ में आरोपियों को मार गिराया था।
दारा सिंह एनकाउंटर
जयपुर के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने 23 अक्टूबर 2006 को दारा सिंह का एनकाउंटर किया था। दारा सिंह उर्फ दारिया राजस्थान के चुरू का रहने वाला था। उसके खिलाफ अपहरण, हत्या, लूट, शराब तस्करी और अवैध वसूली से जुड़े करीब 50 मामले दर्ज थे। इस एनकाउंटर से कई नेताओं के नाम जोड़े गए थे। एनकाउंटर से 5 दिन पहले पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था।
नई दिल्ली (नीरज आर्या).हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या की वारदात से पूरे देश में आक्रोश है। दुष्कर्मियों के लिए मौत की सजा की मांग की जा रही है। लेकिन इसबीच जब दिल्ली में पड़ताल की गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जिस खाकी वर्दी पर सुरक्षा की जिम्मेदारी है, जब उस पर दुष्कर्म के दाग लगे तो विभाग की हिलाहवाली सामने आई। आरटीआई से मिले आंकड़ों के मुताबिक साढ़े चार साल में 53 पुलिसकर्मियों पर दुष्कर्म के संगीन आरोप लगे, जिनमें गिरफ्तारी के बाद केवल 11 को ही जेल भेजा गया। हैरत की बात है कि इनमें किसी को सजा नहीं मिली है। ऐसे मामले में पुलिस ने सख्ती नहीं दिखाई, जिसका फायदा उठा कई पुलिसकर्मी अग्रिम जमानत पानेे में सफल रहे।
पुलिस ने कुछ केस में कानूनी औपचारिकता पूरी करने के लिए ही आरोपी की गिरफ्तारी डाली। साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक में तीन पुलिसकर्मियों पर दुष्कर्म के आरोप लगे और सभी कोर्ट से बरी हो गए। इनमें एक सब इंस्पेक्टर पर चालू वर्ष जून में ही महिला ने आरोप लगाया था, जिनके पक्ष में फैसला कुछ माह के भीतर ही आ गया। आरटीआई एक्टिविस्ट जीशान हैदर ने 29 जुलाई को एक आरटीआई लगाकर पुलिस से पूछा था कि एक जनवरी 2015 से 31 जुलाई 2019 तक कितने पुलिसकर्मियों के खिलाफ दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए।
दो लोगों की औपचारिक गिरफ्तारी डाली गई
दो महीने के भीतर पुलिस की विभिन्न यूनिट से जवाब आए। जिनमें बताया गया इस समयावधि के दौरान 53 पुलिसकर्मियों पर दुष्कर्म के मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, जबकि दो लोगों की औपचारिक गिरफ्तारी डाली गई। वहीं आरोपी पुलिस वालों में तीन मुकदमा दर्ज होने के बाद अग्रिम जमानत लेकर आ गए, जबकि एक ने कोर्ट में गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत की अर्जी लगा रखी है। 19 केस में आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई। वहीं, पांच पुलिसकर्मियों को कोर्ट ने आरोप मुक्त करते हुए उन्हें बरी कर दिया। चार केस में पुलिस की ओर से जांच लंबित होने के बारे में बताया गया। एक केस रद्द हो गया तो वहीं एक अन्य मामले में कोर्ट के आदेश पर दुष्कर्म की धारा को हटा दिया। वहीं, पीसीआर यूनिट में वर्तमान में आठ कर्मी तैनात हैं, जो दुष्कर्म के आरोपों से घिरे हुए हैं।
प्रतिदिन दुष्कर्म के सामने आ रहे छह मामले, 15 नवंबर तक1947 केस दर्ज
दिल्ली पुलिस के मुताबिक इस साल 15 नवंबर तक दुष्कर्म के 1947 मामले दर्ज हो चुके हैं। इस हिसाब से प्रतिदिन दुष्कर्म के छह केस हो रहे हैं। अधिकांश मामले में आरोपी पीड़िता के ही जानकार रहे हैं, जिनमें दोस्त, ऑफिस कर्मी, रिश्तेदार, परिवार से जुड़े लोग शामिल हैं। अजनबी आरोपियों की संख्या बेहद कम है।
ऐसे पुलिस करती है अपनों का बचाव
पुलिस सूत्रों का कहना है अगर किसी पर दुष्कर्म का आरोप लगता है तो उस स्थिति में सबसे पहले यह देखा जाता है आरोप लगाने वाली कौन है। उसका पुलिस से क्या लिंक रहा है। केस के महत्व को देखा जाता है, अगर गिरफ्तारी बनती है तो कार्रवाई कर दी जाती है। अगर मामला कुछ हल्का है या जान पहचान वाला है या दोस्ती से जुड़ा है तो फिर जांच के नाम पर आरोपी को अग्रिम जमानत लेने के छूट मिल जाती है।
अगर किसी पुलिसकर्मी के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज होता है तो उसे गिरफ्तार किया जाता है। उसके खिलाफ डिपार्टमेंट इंक्वायरी चलती है और सस्पेंड भी किया जाता है। -मंदीप सिंह रंधावा, प्रवक्ता, दिल्ली पुलिस
दुष्कर्म के मामले में कानून पूरे देश में एक सामान है। अगर किसी पुलिसकर्मी पर ऐसा कोई आरोप लगता है तो उसे तत्काल गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाना चाहिए। - मनीष भदौरिया, एडवोकेट
नई दिल्ली.आठ साल की बेटी की जान सड़क दुर्घटना में चली गई। एक पिता के लिए इससे ज्यादा दुख की कोई घड़ी नहीं थी। ऐसे में उसने न केवल हिम्मत से काम लिया बल्कि बेटी की आंखें दान कर एक मिसाल पेश की। पिता मार्बल की घिसाई करते हैं। उनका कहना है कि बेशक उनकी बेटी इस दुनिया में नहीं है। लेकिन उसकी आंखों से कोई ओर इस दुनिया को जरूर देख सकेगा। बच्ची जिस स्कूल में पढ़ती थी, वहां के प्रशासन ने इस पिता को सम्मानित करने का फैसला लिया है। पूरा मामला फतेहपुर बेरी इलाके का है।
कोमल सड़क पार कर रही थी, तभी हुआ हादसा
फतेहपुर बेरी इलाके में बुधवार दोपहर को एक दर्दनाक हादसा हो गया। आठ साल की कोमल गदईपुर स्थित नगर निगम स्कूल में तीसरी कक्षा की छात्रा थी। उसके पिता रामदीन मौर्या मार्बल घिसाई का काम करते हैं। उनके चार बच्चों में सबसे छोटी बेटी कोमल बुधवार दोपहर स्कूल की छुट्टी होने के बाद घर आ रही थी। उसके पीछे बड़ा भाई अनिल था। सड़क पार करते समय एक स्कॉर्पियाे कार ने कोमल को टक्कर मार दी। चालक ने हादसे के बाद गाड़ी रोकी और बच्ची को प्राइवेट अस्पताल पहुंचाया। वहां से उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। वहां डॉक्टर ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया।
रामदीन बेटी को लेने जा रहे थे, रास्ते में रुक गए
कोमल के पिता रामदीन मौर्या ने बताया कि वह बच्चों को लेने के लिए निकला था, लेकिन रास्ते में कोई काम पड़ जाने की वजह से उसे दस मिनट की देरी हो गई। इसी वक्त को उसे बेटी से जिंदगी भर के लिए दूर कर दिया। पुलिस ने इस केस में लापरवाही से कार चलाने वाले ड्राइवर सागर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। बाद में उसे जमानत मिल गई। आरोपी मांडी गांव का रहने वाला है। रामदीन ने गुरुवार को बेटी की आंखें दान करने का निर्णय लिया।
नई दिल्ली (तरुण सिसोदिया).दिल्ली की हवा फिर से जहरीली होनी शुरू हो गई है। 20 दिन की राहत के बाद गुरुवार को दिल्ली का एक्यूआई 400 के करीब आते हुए 382 हो गया। दिल्ली के 13 सेंटरों पर तो एक्यूआई 400 के पार चला ही गया। इनमें सबसे ज्यादा वजीरपुर में 446 रहा। इसके पहले एक्यूआई 15 नवंबर को 458 दर्ज किया गया था। उसके बाद यह कम होने लगा था। एनसीआर केे शहरों में नोएडा में 414, ग्रेटर नोएडा में 417, गाजियाबाद में 432 रहा। गुड़गांव में यह 328 रिकॉर्ड किया गया। खराब होती एयर क्वालिटी की वजह हवा की मंद रफ्तार माना जा रहा है। गुरुवार को हवा की दिशा साउथ वेस्ट-नॉर्थ और स्पीड 4 किलोमीटर प्रतिघंटा रही। सफर के मुताबिक बुधवार को पराली जलने की 228 घटनाओं के बारे में पता चला। सफर ने कहा है कि शुक्रवार और शनिवार को भी हवा की मंद रफ्तार (4 किलोमीटर प्रतिघंटा) रहेगी। इससे यह बहुत खराब के ऊंचे स्तर या फिर सीवियर की श्रेणी में जा सकती है। गुरुवार को पराली के प्रदूषण का योगदान 9 फीसदी रहा।
साल-दर-साल समस्या जस की तस- सर्दियों के मौसम में प्रदूषण से परेशान दिल्ली-एनसीआर हालात फिलहाल सुधरते नहीं दिख रहे। दिल्ली की दम घोंटू हवा के लिए दिल्ली सरकार भले ही पराली को जिम्मेदार ठहराए, लेकिन असलियत में महीनेभर जलने वाली पराली से ज्यादा राजधानी खुद इस प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। वाहन, धूल और इंडस्ट्री से होने वाला धुएं का इस प्रदूषण में पराली से ज्यादा योगदान है।
सॉल्यूशन पर सोचने से बचेगी दिल्ली - भास्कर ने बढ़ते प्रदूषण पर कारण और उनके समाधान समेत तमाम मुद्दों पर एक्सपर्ट की राय ली। अनुमिता राय चौधरी की मानें तो पराली का प्रदूषण कुछ समय के लिए आता है। मगर दिल्ली का अपना प्रदूषण सालभर रहता है। प्रदूषण बहुत हाइलेवल से केवल 25 फीसदी कम हुआ है। मगर अभी यह मानकों के हिसाब से नहीं है। इसके लिए सालभर के औसत प्रदूषण के स्तर में 65 फीसदी की कमी और लानी होगी। दिल्ली में प्रदूषण के लिए कौन सा कारक कितना है जिम्मेदार और इनसे कैसे निपटें, पढ़िए इनडेप्थ रिपोर्ट...
}आगे क्या|सफर के निदेशक डॉ. गुफरान बेग ने बताया कि नम मौसम और हवा की मंद रफ्तार से हवा का मिजाज फिर बिगड़ गया है। 11 दिसंबर तक हालात ऐसे ही रहेंगे।
वाहन
धूल
कच्ची सड़कों और उड़ती धूल का वायु प्रदूषण में योगदान करीब 17 फीसदी है।
स्थिति- दिल्ली में कई जगह कच्ची सड़कें दिख जाएंगी जहां धूल उड़ती रहती है।
समाधान- कच्ची सड़कों को पक्का किया जाए। हरियाली बढ़े, पानी का नियमित छिड़काव हो।
इंडस्ट्री
कूड़े के पहाड़
बायोमास बर्निंग :
ग्रेप की सालभर जरूरत :
टेरी की रिपोर्ट -
नई दिल्ली.अंत भला तो सब भला। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को बार और बेंच के बीच पनपा विवाद जस्टिस अरुण मिश्रा के माफी मांगने के साथ ही खत्म हो गया। उन्होंने भावुक हाेते हुए कहा- ‘अगर मेरे व्यवहार से किसी को दुख पहुंचा है, तो मैं 100 बार माफी मांगता हूं। मैं बार का मां की तरह सम्मान करता हूं।’दरअसल, मंगलवार को जमीन अधिग्रहण से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान वकील गोपाल शंकरनारायणन और जस्टिस मिश्रा के बीच तीखी बहस हो गई थी। वकील गुस्से में कोर्ट रूम से बाहर आ गए थे। तब जस्टिस मिश्रा ने वकील के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट्स ऑन रिकाॅर्ड एसोसिएशन ने जस्टिस मिश्रा से संयम बरतने का अाग्रह करते हुए प्रस्ताव पारित किया। इसके बाद गुरुवार काे कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, मुकुल रोहतगी और दुष्यंत दवे सहित कई वरिष्ठ वकील जस्टिस मिश्रा और जस्टिस एमआर शाह की बेंच के समक्ष पहुंचे। सिब्बल ने कहा- ‘हम चाहते हैं कि कोर्टरूम का डेकोरम बना रहे। हमें बार और बेंच के बीच इस न्यायिक संस्था की रक्षा करनी चाहिए। बार के कुछ सदस्य 40 साल से भी अधिक समय से यहां प्रैक्टिस कर रहे हैं, जबकि जज 3 या 4 सालों के लिए ही यहां आते हैं। आपको थोड़ा धैर्य रखना चाहिए। हम आपके विरोधी नहीं हैं। हमारा अाग्रह है कि कोर्ट रूम में वकीलों से जिरह के दौरान विनम्र रहें।’
वहीं, सिंघवी ने कहा कि हम चाहते हैं कि आप हमारे संदेश को समझें। इस पर जस्टिस मिश्रा ने कहा कि बार के सदस्यों का घमंड संस्था को गलत राह पर ले जा रहा है। हमारे नजरअंदाज करने के रवैये को हमारी कमजोरी न समझा जाए। कुछ वकील इतना हल्ला कर देते हैं कि निर्णय लेना कठिन हो जाता है। जस्टिस शाह ने कहा कि कभी-कभी ऐसा होता है, क्योंकि आप नहीं जानते कि हम किस दबाव में हैं। इसके बाद रोहतगी ने कहा कि बहुत से जूनियर वकील आपकी अदालत में पैरवी के लिए आने से डरते हैं।
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि मुझे लगता है कि कुछ लोग और मीडिया मुझे अनावश्यक रूप से निशाना बना रहे हैं। मैं गंभीर दबाव में हूं। संभव है उसी दबाव में मैंने कुछ कहा हो। अगर कोई आहत हुआ है, तो मैं माफी मांगने को तैयार हूं। इस पर सिब्बल ने कहा कि हम आपसे माफी नहीं मंगवाना चाहते। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि हम कई बार गलत हो सकते हैं, पर हमेशा नहीं। बार के सदस्यों में घमंड बढ़ रहा है। दोनों तरफ उचित व्यवहार की कमी होगी तो संस्था का अंत हो जाएगा। गोपाल शंकरनारायणन होनहार वकील हैं। मैंने उनसे दलीलाें में जज का नाम नहीं लेने काे कहा था। उन्हें समझाने की कोशिश की। मगर उन्होंने अनुमान लगाया कि कोर्ट द्वारा उन्हें सुना ही नहीं जा रहा। न्यायपालिका देश को नहीं बचा सकती। वे आप लोग हैं जो ऐसा करते हैं। इसमें कोई एरोगेंस नहीं होना चाहिए।
नई दिल्ली .दिल्ली में बुधवार को सीजन की सबसे सर्द रात व सुबह रही। न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री नीचे 7.9 डिग्री दर्ज किया गया। इससे पहले दो दिसंबर को न्यूनतम तापमान 8 डिग्री दर्ज किया गया था। अधिकतम तापमान भी दिल्ली में सामान्य से एक डिग्री नीचे 24 डिग्री दर्ज किया गया। हवा में नमी की मात्रा 42-100 फीसदी के बीच रही।
न्यूनतम तापमान दिल्ली के लोधी रोड केंद्र पर सबसे नीचे 7.1 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं अधिकतम तापमान सभी केंद्रों पर 23-24 डिग्री के बीच रहा। पिछले आठ साल में दिसंबर के शुरुआती 4 दिन की बात करें तो 2012 और 2016 में ही न्यूनतम तापमान 8 डिग्री से नीचे गिरा है। बाकी सालों में पारा 8-11 डिग्री के बीच इस दौरान रहा है। इस बीच दिल्ली-एनसीआर में निर्माण पर लगी रोक को लेकर गुरुवार को सीपीसीबी सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट देगी, जिसके बाद कोर्ट का आदेश आएगा।
इसलिए बढ़ गई ठंडक
मौसम वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर-पश्चिम हवा चल रही है। ये हवा पहाड़ों से बर्फ वाली सर्दी ला रही है। न्यूनतम तापमान कम है जो सर्दी का अहसास कराता है।
आगे क्या
नतम तापमान 10 दिसंबर तक 8-9 डिग्री के बीच रहेगा। 7 दिसंबर को पारा एक-दो डिग्री और नीचे आ सकता है। बारिश अभी कोई नहीं होगी। अधिकतम तापमान 23-24 डिग्री के बीच ही पूरे हफ्ते रहेगा। कोहरा सुबह के समय 8 दिसंबर तक मध्यम यानी 500 मीटर से नीचे की दृश्यता वाला पड़ सकता है लेकिन ये दृश्यता रेल या सड़क यातायात के लिए परेशानी का कारण नहीं बनेगा।
कुछ इलाकों में एक्यूआई 400 पार होने का अनुमान
पिछले कुछ दिन से खराब की श्रेणी में बनी हुई दिल्ली की आबोहवा बहुत खराब की श्रेणी में पहुंच गई है। एनसीआर के प्रमुख शहरों में गुड़गांव को छोड़ दिया जाए तो सभी जगह यह बहुत खराब की श्रेणी में ही बनी हुई है। दिल्ली-एनसीआर के कुछ इलाकों में शुक्रवार तक एयर क्वालिटी सीवियर की कैटेगिरी में पहुंचने का अनुमान है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की बुधवार रात 07:43 की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 305 दर्ज किया गया। दिल्ली के अलावा गाजियाबाद में यह 360 दर्ज किया गया।
नई दिल्ली .दिल्ली की 1700 से अधिक अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने और निवासियों को मालिकाना अधिकार देने संबंधी विधेयक पर बुधवार को संसद की मुहर लग गई। राज्यसभा ने 3 घंटे चली चर्चा के बाद विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा ने इसे पिछले सप्ताह ही अपनी मंजूरी दी थी। आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह विधेयक दिल्ली की 40 लाख की आबादी को राहत देगा।
इससे लाेगों को अपनी मकान और जमीन पर मालिकाना हक मिल सकेगा और वे इस पर ऋण आदि ले सकेंगे। इसके अलावा उन्हें बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि इन बस्तियों में संपत्ति की रजिस्ट्री महिला के नाम से या महिला के साथ पुरुष के नाम से संयुक्त रूप से होगी। रजिस्ट्री के लिए मामूली शुल्क चुकाना होगा। रजिस्ट्री की प्रक्रिया 16 दिसंबर से शुरू हाे जाएगी। रजिस्ट्री की सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन होंगी।
1100 कॉलोनियों का नक्शा पूरा हो चुका, रजिस्ट्री के लिए 16 दिसंबर से लिए जाएंगे ऑनलाइन आवेदन
पुरी ने कहा कि 1100 कॉलोनियों का नक्शा पूरा किया जा चुका और 600 के लिए जारी है। 16 दिसंबर से डीडीए पोटर्ल शुरू करेगा, जिस पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। इसके लिए 50 हेल्पडेस्क शुरू की जा चुकी हैं, जिन्हें 75 किया जाएगा। पुरी ने कहा कि 1731 अनधिकृत कॉलोनियों की डिजिटल मैपिंग का काम इस साल 31 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
पुरी ने कांग्रेस-आप पर निशाना साधा, विपक्ष ने पॉलिटिकल स्टंट बताते हुए पूछा - 5 साल पहले क्यों नहीं लाए विधेयक
पुरी ने कहा कि 2008 में दिल्ली की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एक अधिसूचना जारी की थी और 760 कॉलोनियों को चिह्नित किया था। इसके बाद प्रयास धीमे हो गए। मौजूदा दिल्ली सरकार ने केंद्र को बताया कि जिन एजेंसियों को कॉलोनियों की मैपिंग का काम दिया गया है, वे इसे पूरा नहीं कर पा रही हैं। तब केंद्र सरकार ने लोगों को उनके मकानों का मालिकाना हक देने का फैसला किया। कांग्रेस की कुमारी सैलजा, टीएमसी की डोला सेन और सपा के जावेद अली खान ने सवाल उठाया कि यह बिल पांच साल पहले क्यों नहीं लाए।
बिल पेश करते समय गोयल-संजय सिंह में तकरार
विस चुनाव से पहले याद नहीं आया : संजय सिंह
पूर्व में दिल्ली और केंद्र में भाजपा की सरकारें होने के बावजूद अनधिकृत कालोनियों को नियमित नहीं किया गया। दिल्ली विस का चुनाव निकट आने पर विधेयक पेश किया गया। दिल्ली सरकार लोगों को पहले ही कई सुविधाएं दे रही है।- संजय सिंह, आप
बिजली और प्रदूषण की समस्या बरकरार : गोयल
दिल्ली में 1731 अनधिकृत कॉलोनी हैं। यहां झुग्गी-झोपड़ी में करीब 40 लाख लोग रहते हैं जबकि पांच लाख लोग सड़कों पर रात गुजारते हैं। दिल्ली में नाली, सड़क, सीवर, बिजली, स्वास्थ्य और प्रदूषण जैसे समस्याएं बरकरार हैं।- विजय गोयल, भाजपा
नई दिल्ली .दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-13 इलाके में बुधवार सुबह कार में डाॅक्टर अाैर उसके अस्पताल की कर्मचारी काे मृत पाया गया। उनकी पहचान डॉ. ओम प्रकाश कुकरेजा अाैर सुतापा मुखर्जी के रूप में हुई। पुलिस के अनुसार अापसी िववाद में डॉ. कुकरेजा ने पहले महिला को गोली मारी, फिर खुद को गोली मारकर अात्महत्या की है।
62 साल के डॉ. कुकरेजा का रोहिणी में अस्पताल है। 51 साल की सुतापा मुखर्जी अस्पताल का प्रबंधन देखती थीं अाैर उनके साथ 15 साल से काम कर रही थी। पुलिस के अनुसार दाेनाें के बीच करीबी रिश्ता था। रोहिणी के डीसीपी एसडी मिश्रा ने कहा, डॉ. कुकरेजा का सुदीप्ता से कई सालों से प्रेम संबंध चल रहा था। विस्तृत खबर पेज 3 पर
नई दिल्ली. चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से लैंडर विक्रम सोमवार दोपहर 1:15 बजे सफलतापूर्वक अलग हो गया। विक्रम 7 सितंबर को चांद की सतह पर उतरेगा। रविवार शाम ही चंद्रयान-2 को पांचवीं और अंतिम कक्षा में भेजा गया था। अभी ऑर्बिटर और लैंडर इसी कक्षा में चक्कर लगा रहे हैं। इनकी चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 119 किमी और अधिकतम दूरी 127 किमी है। अब अगले एक साल तक ऑर्बिटर इसी कक्षा में चंद्रमा का चक्कर लगाता रहेगा।
विक्रम के ऑर्बिटर से अलग होने को लेकर इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा था कि ये ऐसा ही है मानो बेटी अपने मायके से विदा हो जाएगी।चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को लॉन्च किया गया था।
विक्रम चंद्रमा से 36 किमी दूर कक्षा में चक्कर लगाएगा
अब अगले दो दिन लैंडर अपनी कक्षा को छोटा करता जाएगा और चंद्रमा से 36 किमी दूर की कक्षा में पहुंचकर चक्कर लगाएगा। इस बीच 3 सितंबर को इसरो लैंडर के साथ एक टेस्ट करेगा, इसे पूरी तरह रोककर तीन सेकंड के लिए विपरीत दिशा में चलाकर परखा जाएगा और फिर वापस उसे अपनी कक्षा में आगे बढ़ाया जाएगा। इसरो इस टेस्ट के जरिए यह पता करेगा कि लैंडर ठीक से काम कर रहा है या नहीं। 4 सितंबर को लैंडर की कक्षा में अंतिम बार बदलाव होगा और अगले तीन दिन उसके सभी उपकरणों की जांच होगी।
6-7 सितंबर के बीच रात को चंद्रमा की सतह पर उतरेगा
6-7 सितंबर कीदरमियानी रात 1:40 बजे लैंडर का चंद्रमा की ओर उतरना शुरू होगा और 15 मिनट में 1:55 बजे विक्रम लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर दो क्रैटर मैंजिनस सी और सिंप्लीयस एन के बीच उतरेगा। लैंडिंग के दो घंटे (3:55 बजे) बाद लैंडर से रैंप बाहर निकलेगा। 5:05 बजे रोवर के सोलर पैनल खुलेंगे। 7 सितंबर को सुबह 5:10 मिनट पर चलना शुरू करेगा और 45 मिनट के बाद 5:55 बजे रोवर चंद्रमा पर उतर जाएगा। रोवर के चंद्रमा पर उतरते ही वह लैंडर और लैंडर रोवर की सेल्फी लेगा जो उसी दिन 11 बजे के आसपास उपलब्ध होगी।
पीएम मोदी के साथ स्पेस क्विज जीतने वाले 50 बच्चे देखेंगे नजारा
चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के उतरने की घटना के गवाह बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसरो मुख्यालय में मौजूद रहेंगे। मोदी के साथ स्पेस क्विज जीतने वाले देशभर के 50 बच्चे व उनके माता-पिता को भी इसरो ने आमंत्रित किया है। नासा के पूर्व एस्ट्रॉनॉट डोनाल्ड ए. थॉमस ने रविवार को कहा कि चंद्रयान-2 के चंद्रमा पर लैंडिंग का नजारा अमेरिकी एजेंसी नासा के साथ ही पूरी दुनिया के लोग देखेंगे।
राहत इंदौरी.शायरी के 50 बरस पूरे होने पर इन दिनों बहुत लोगों के कॉल आ रहे हैं। लोग मोहब्बतें लुटा रहे हैं, मैं भी इस सफ़र को कामयाब मानता हूं, लेकिन आज यह भी कहना चाहता हूं कि अक्सर भीतर एक खालीपन महसूस करता हूं। मेरी बात इस शेर से समझिए-इस शायरी से भी मुतमइन हूं मगर, कुछ बड़ा कारोबार होना था...’ मैं अक्सर सोचता हूं कि ऐसी दो लाइनें अब तक नहीं लिखीं, जो 100 साल बाद भी मुझे ज़िंदा रख सकें। मुशायरे लूटकर मोटा लिफाफा बीवी के हाथ में रख देने को मैं कामयाबी नहीं मानता। (और ख़ामोशी का एक वक्फ़ा लेकर वे कहते हैं) जिस दिन यह ख़बर मिले कि राहत इंदौरी दुनिया से रुख़सत हो गए हैं, समझ जाना कि वो मुकम्मल दो लाइन मैंने लिख ली हैं। आप देखिएगा मेरी जेबें।
मैं वादा करता हूं कि वो दो लाइनें आपको मिल जाएंगी..। मैंने सुबह 9 बजे तक मुशायरे पढ़े हैं। वह भी तब जब फ़ैज़, फ़िराक़ जैसे आलातरीन शायर मुशायरे पढ़ रहे थे। मैंने कहना शुरू किया कि जो कौमें सारी रात शाइरी सुनने में गुज़ारेंगी, वो तरक्की नहीं कर पाएंगी। ज़िंदगी का बड़ा हिस्सा मैंने मुशायरों को दिया है, वो भी नौकरी करते हुए। 16 बरस आईकेडीसी में पढ़ाते हुए रानीपुरे की स्टारसन फैक्ट्री में बरसों काम किया। वहां लाइटिंग के बोर्ड बनते थे, मैं उन्हें पेंट करता था। सुबह की चाय पीकर फांके करते हुए काम किया, शायरी की।
किसी को तसदीक नहीं कराना, मुझमें कितना हिंदुस्तान है
लोग कहते हैं आजकल बात रखना मुश्किल हो गया है। मैं तो जो कहना है, कह देता हूं। मुझे किसी को तसदीक नहीं कराना है कि मुझमें कितना हिंदुस्तान है। ... सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में, किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़े ही है...’ पहले मुशायरे के लिए मेरी मां ने मेरे मामा से सिफारिश की थी। मुझे 30 रुपए मिले थे। इतने बरस हो गए, आज भी कोई वाह करे तो लगता है अशर्फियां लुटा रहा है। अब शायरी जिन कंधों पर है उन पर ख़ुदपसंदी हावी है। मैंने हमेशा यही चाहा कि - ख़ुदा मुझे सब कुछ दे दे, दुनिया दे दे, ग़ुरूर न दे...’
लगता नहीं बच्चियों के साथ ज्यादती करने वाले हिंदुस्तान के हैं
बच्चियों-महिलाओं के साथ हो रहे ज़ुल्म अफ़सोसनाक हैं। तहज़ीब में इतनी गिरावट आ सकती है, सोचा नहीं था। तमाम फ़सादात हुए मगर शहर फिर पहले जैसा हो गया। एक बार डेढ़ महीने तक कर्फ्यू था। मैं अमेरिका में था। डेढ़ महीना हिंदू भाइयों ने परिवार की हिफ़ाज़त की। हमें ताले पर कम पड़ोसियों पर भरोसा ज्यादा था।बच्चियों के साथ हो रही ज्यादतियां देख लगता ही नहीं कि ये करनेवाले हिंदुस्तान के हैं। चंगीराम वाला जो पहला दंगा हुआ इंदौर में, तब मैंने लिखा - जिन चराग़ों से तआस्सुब का धुआं उठता है, उन चराग़ों को बुझा दो, तो उजाले होंगे।’
जैसा राहत साहब ने अंकिता जोशी को बताया
नई दिल्ली. हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर को सामूहिक दुष्कर्म के बाद जलाकर मारने की घटना के विरोध में मंगलवार को भी संसद से सड़क तक आक्रोश दिखा। दिल्ली से तेलंगाना तक जारी धरनों के बीच विकृत मानसिकता दर्शाने वाली एक खबर सामने आई है। भारत में प्रतिबंध के बावजूद चल रही एक पोर्न साइट पर दो दिन में 80 लाख लोगों ने हैदराबाद की वेटरनरी डॉक्टर के नाम से वीडियो सर्च किया।
इस वेबसाइट में हैदराबाद की पीड़ित का नाम टॉप ट्रेंडिंग में रहा। साइबर विशेषज्ञों का मानना है कि यह डेटा सिर्फ एक वेबसाइट का है। भारत में सैकड़ों पोर्न साइटें प्रतिबंधित होने के बावजूद डोमेन नेम बदलकर चल रही हैं। जब एक साइट पर पीडित का नाम इतनी बार सर्च किया गया तो सैकड़ों साइटों पर कितनी बार सर्च किया गया होगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।
दरिंदों को जल्द फांसी हो
विरोध: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल दिल्ली में अनशन पर बैठीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा कि दोषियों को छह महीने में मौत की सजा होनी चाहिए।
दरिंदगी जारी: कर्नाटक में 9 साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या। आरोपी परिवार का परिचित है। स्नैक्स के बहाने बच्ची को ले गया था।
निर्भया के दरिंदे की दया याचिका खारिज होते ही चारों को फांसी देने की तैयारी
नई दिल्ली | दिल्ली की निर्भया के साथ दिसंबर 2012 में दरिंदगी करने वाले चारों दोषियों को फांसी की तैयारी शुरू हो गई है। इनमें से एक दोषी ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी है, जिसे ठुकराने की सिफारिश उपराज्यपाल सोमवार को ही कर चुके हैं। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी याचिका ठुकरा देंगे।
तिहाड़ जेल ने स्पष्ट कर दिया है कि जैसे ही एक दोषी की दया याचिका खारिज होगी, चारों दोषियों को एक साथ फांसी दी जा सकती है। जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि 29 अक्टूबर को चारों कैदियों को राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाने के लिए सात दिन का समय दिया गया था। सिर्फ विनय शर्मा ने दया याचिका लगाई, जबकि अक्षय, पवन और मुकेश ने एेसा नहीं किया। विनय की दया याचिका खारिज होते ही चारों दाेषियों को एक साथ फांसी देने की अर्जी पटियाला हाउस अदालत में लगा दी जाएगी। तिहाड़ जेल में अभी कोई भी जल्लाद नहीं है, इस सवाल पर गोयल ने कहा कि जरूरत पड़ने पर जल्लाद किसी भी दूसरे जेल से बुलाया जा सकता है।
गृह राज्यमंत्री बोले- मुश्किल में मदद करेगा 112 इमरजेंसी हेल्पलाइन एप
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने लोगों से अपील की है कि वे 112 इमरजेंसी हेल्पलाइन एप डाउनलोड करें। पूरे देश में यह एप तुरंत पुलिस की मदद उपलब्ध कराएगा। रेड्डी मंगलवार को लोकसभा में बोल रहे थे। उधर, आंध्र प्रदेश पुलिस महानिदेशक ने राज्य पुलिस को निर्देश दिया है कि मामला उनके पुलिस क्षेत्र का हो या न हो पीड़िता यदि कहती है तो उसकी शिकायत जरूर दर्ज करें।
नई दिल्ली/नासिक/देश में प्याज के बढ़ते दाम काे लेकर विपक्षी दलाें ने मंगलवार काे केंद्र सरकार काे संसद में घेरा। विपक्षी दलाें ने सरकार पर प्याज के दाम में राेक लगाने में नाकाम रहने का अाराेप लगाया। वहीं सरकार ने साफ कर दिया है कि पूरे देश में एक समान दाम पर प्याज मुहैया कराने का सरकार का काेई प्रस्ताव नहीं है।
लाेकसभा में उपभाेक्ता मामलाें के राज्य मंत्री रावसाहब दादाराव दाणवे ने विपक्ष के अाराेपाें काे खारिज करते कहा कि प्याज के अायात में काेई देरी नहीं की गई। इससे पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने माेदी सरकार पर प्याज के दाम राेक पाने में नाकाम रहने का अाराेप लगाया। वहीं महाराष्ट्र के साेलापुर में साेमवार काे प्याज 1500 रुपए प्रति क्विंटल यानी 150 रुपए प्रति किग्रा बिका।
महाराष्ट्र की मंडी में भाव
मंडी दाम
सटाना 13000
बंगरुलु 12000
नामपुर 11,900
पिंपलगांव बसवंत 11,500
मालेगांव 11,500
बेमाैसम बारिश से उत्पादन घटा बेमौसम बारिश के कारण महाराष्ट्र में प्याज की उपज कम हुई है। इससे प्याज के दाम बढ़े हुए हैं। एशिया की सबसे बड़ी मंडी नासिक में प्याज का दाम रोज ही बढ़ रहा है।
नई दिल्ली .तेलंगाना में वेटरनरी डॉक्टर से सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या। राजस्थान के टाेंक में 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या। दिल्ली के गुलाबीबाग इलाके में 22 साल के एक युवक ने 55 साल की महिला से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी। ... घटनाओं का न कोई सिरा है न अंत। है तो केवल दर्द, चीखें और सिस्टम से लेकर समाज तक का दोगलापन। दिल्ली से लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में दुष्कर्म सहित महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। बेटियों से दरिंदगी करने वालों को सख्त सजा देने की मांग के साथ पूरा इलाका नारों से गूंज रहा था।
हाथों में तख्तियां और दिल में एक ही सवाल- मैं ‘निर्भया’ क्यों, दरिंदे निर्भय क्यों? यहां छात्र-छात्राएं भी थीं, पूर्व सैनिक, वरिष्ठ नागरिक समेत तमाम संगठन के लोग भी। सबको उम्मीद है कि प्रजा की आवाज से तंत्र जाग जाए। भास्कर ने मंगलवार को यहां आए लोगों से उनके मन की बात सुनी।
मालीवाल ने शुरू किया अनशन, शाम 5 बजे के बाद पुलिस के एतराज जताने पर जंतर-मंतर से समता स्थल पर पहुंचीं
महिला सुरक्षा की मांग के साथ दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल मंगलवार को आमरण अनशन पर बैठ गईं। जंतर-मंतर पर शाम 5 बजे के बाद प्रदर्शन नहीं करने के कोर्ट का आदेश का पालन कराने के लिए पुलिस बल धरना स्थल पर पहुंचा। वहीं, मालीवाल ने दूसरी जगह न बताने तक उठने से इंकार कर दिया। लेकिन बाद में उन्हें समता स्थल भेज दिया गया। इस बीच मालीवाल ने पीएम को पत्र लिखकर निर्भया कांड के दोषियों को जल्द फांसी और दुष्कर्म के दोषियों को छह महीने में फांसी देने की मांग की।
तख्तियों पर लिखा- बेटी से कहते हो- कभी घर की इज्जत मत खराब करना, बेटे से क्यों नहीं कहा- किसी के घर की इज्जत खराब मत करना
चौराहे पर जिंदा जलाने की सजा हो
मैं दो बहनों का भाई हूं। अब मुझे डर लगने लगा है। न समाज को, न सिस्टम को कोई फर्क पड़ रहा। सिर्फ कुछ दिन के लिए शोर मचता है फिर निर्भया के दोषी जेल में आराम से समय काटते हैं। सरकार का कानून सख्त नहीं है। ऐेसे दरिंदों को चौराहे पर जिंदा क्यों नहीं जलाया जाता। क्यों महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों की परिणाम जानकार ही रूह नहीं कांपती?
6 महीने में दें दोषियों को फांसी
हमेशा लड़कियों को ही कमजोर बोला जाता है। यह बोलकर उनके दिमाग में उनके कमजोर होने की बात डाल दी जाती है। जिसका फायदा महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले उठाते है। छोटी-छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं। वह ताे मासूम हैं। उनको किस अपराध की सजा बचपन में मिल जाती है। ऐसे मामलों के दोषी अपराधियों को सरकार 6 महीने में फांसी की सजा का क्यों प्रावधान नहीं करती। इस तरह के अपराध के लिए सिर्फ मौत की सजा होनी चाहिए। मेरा सरकार से निवेदन है कि देश की बेटियों को सुरक्षित माहौल देने के लिए अब कुछ कीजिए। हम चाहते हैं कि भविष्य में किसी के साथ निर्भया जैसा बर्ताव न हो।
सजा देने को ‘भेड़िये’ जनता को सौंपे जाएं
मैं लड़की हूं, क्या इसलिए मुझे डरना चाहिए। क्या घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। मैं नौकरीपेशा हूं। अरे जब वोट के लिए कानून कुछ घंटों में बदल सकता है तो बेटियों की सुरक्षा के लिए कठोर कानून क्यों नहीं बन सकता? महिलाओं को इंसान नहीं समझने वाले इन भेड़ियों को सजा देने के लिए जनता को सौंपने का कानून बने।
घर से आजादी, फिर बाहर पाबंदी क्यों?
मेरे परिवार से मुझे पूरी आजादी मिली है। मैं कॉलेज की पढ़ाई के साथ सोशल वर्क भी करती हूं। ऐसे में घर लौटने में कभी शाम भी हो जाती है, लेकिन घर के बाहर मैं अपने आप को आजाद महसूस नहीं करती। मुझे हमेशा डर लगता है। हमारा समाज लड़कियों को सुरक्षित माहौल क्यों उपलब्ध नहीं कराता। इस तरह कितनी निर्भया दीया जलाने और प्रदर्शन करके याद की जाती रहेंगी।
दरिंदों का बनाएं मौत का वीडियो
मुझे अपने आप पर शर्म आती है। मुझे अब अपने परिवार के बच्चों के स्कूल या परिवार के सदस्य के बाहर जाने के बाद, घर लौटने तक डर लगता है। हम किस समाज में रह रहे हैं। यदि लोगों को कानून का डर नहीं है तो सरकार को ऐसे कानून को बदल देना चाहिए। ऐसे लोगों के लिए समाज में कोई दया नहीं होनी चाहिए। इनकी चौराहे पर जला कर तड़पा-तड़पा कर मारना चाहिए। इनका वीडियो बनाकर भी दिखाना चाहिए। ताकि ऐसे अपराध करने से पहले लोगों में डर का माहौल बने। एक बात यह भी अब समाज को भी बदलना होगा। लोगों को घर के अंदर लड़कों को बताना होगा कि स्त्री का सम्मान करो, उसे एक इंसान समझो।
नई दिल्ली .विधानसभा में अंतिम दिन दिल्ली स्किल एंड इंटरप्रिन्योरशिप यूनिवर्सिटी बिल-2019 पास किया गया। यूनिवर्सिटी में अध्ययन के कितने स्कूल बनाए जाएंगे और पढ़ाई किस अस्थाई कैंपस में शुरू होगी, ये बाद में तय होगा। कैंपस के लिए जमीन जोनापुर में प्रस्तावित है। विभाग को 37 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। वहां वर्ल्ड क्लास स्किल सेंटर भी बनेगा। हालांकि ये जमीन रिज एरिया में है, इसके लिए नई जमीन की पहचान की जाएगी।
रिज मैनेजमेंट बोर्ड निर्णय के अनुसार किसी अन्य स्थान पर वन विभाग की जोनापुर जमीन के बराबर भूमि निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। चालू वित्तवर्ष में अस्थाई कैंपस भवन व शैक्षणिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर 10 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। बिल में दिल्लीवालों के लिए आरक्षण का जिक्र नहीं है लेकिन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भास्कर से कहा है कि दिल्ली के बच्चों को आरक्षण देंगे। सिसोदिया ने कहा- जरूरत के हिसाब से कोर्स का पाठ्यक्रम तय करेंगे। ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और फिनलैंड के मॉडल को शामिल किया जाएगा। यहां दाखिला लेने वालों को नौकरी तलाशने की बजाय रोजगार पैदा करने के लिए तैयार किया जाएगा। कोर्स देश व विश्व के मार्केट में संभावनाएं तलाशकर बनाएंगे। सीएम ने कहा कि इस बिल का नाम रोजगार बिल होता तो ज्यादा अच्छा होता।
सिसोदिया बोले- विवि में दिल्लीवालों को आरक्षण दिया जाएगा
किस तरह के कोर्स होंगे| तीन महीने से 12 महीने के कौशल विकास मॉड्यूल, एक से दो साल के विभिन्न व्यवसायों के सर्टिफिकेट प्रोग्राम, दो तीन साल के डिप्लोमा के अलावा चार साल के स्नातक डिग्री प्रोग्राम और नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क का वर्टिकल लेवल और एमफिल व पीएचडी कराए जाएंगे। नेशनल स्किल क्वॉलिफिकेशन फ्रेमवर्कके हिसाब से शिक्षा दी जाएगी जिसमें एप्लाइट साइंस में बैचलर और मास्टर डिग्री प्रोग्राम चलाए जाएंगे। जिन कोर्स की सिफारिश कमेटी ने दी है उसमें इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर, ऑटो मेंटीनेंस और ऑटो पार्ट्स, रिटेल, आईटी एंड बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्स, एयरकंडिशनिंग, फूड सप्लाईचेन, बैंकिंग, फाइसेंस सर्विस आदि शामिल हैं।
प्याज पर विस के बाहर से अंदर तक हंगामा, मार्शलों ने विजेंद्र को बाहर निकाला
प्याज की आसमान छूती कीमतों को लेकर विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष ने शोर-शराबा किया। सदन के बाहर भाजपा विधायक ओपी शर्मा ने सीएम को प्याज की माला दिखाई। वहीं सदन में भी हंगामा किया गया। इसके बाद विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता को विस अध्यक्ष ने मार्शलों से बाहर निकलवा दिया। इस बीच भाजपा की कुछ महिला नेता और कार्यकर्ता विरोध में स्लोगन लिखी तख्ती लेकर मेन गेट से सुरक्षा को धोखा देकर परिसर में दाखिल हुईं और आप सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इससे नाराज अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने सदन में विपक्ष के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
नई दिल्ली. नए साल में देश में कर्मचारियों की सैलरी 9.2 फीसदी बढ़ने की संभावना है। यह ग्रोथ एशिया में सबसे ज्यादा होगी लेकिन महंगाई बढ़ने के चलते खेल बिगड़ सकता है। कॉर्न फेरी ग्लोबल सैलरी फोरकास्ट के मुताबिक, महंगाई से एडजस्ट करने के बाद सैलरी में असल में सिर्फ 5 फीसदी वृद्धि रहने की उम्मीद है। अगले साल होने वाली 9.2 फीसदी की यह ग्रोथ पिछले साल की 10 फीसदी वृद्धि से कम है।
कॉर्न फेरी इंडिया के चेयरमैन और रीजनल मैनेजिंग डायरेक्टर नवनीत सिंह ने कहा कि वैश्विक मंच पर सैलरी में होने वाली भारी गिरावटों के बावजूद भारत ने मजबूत ग्रोथ दर्ज कराई है। मौजूदा आर्थिक हालातों और भारत सरकार की तरफ से प्रगतिशील सुधारों की वजह से विभिन्न सेक्टरों में सकारात्मकता का भाव आ रहा है, जिसकी वजह से ये सेक्टर ऊंची सैलरी इंक्रीमेंट देने में सफल हो पा रहे हैं।
वैश्विक स्तर पर सैलरी में 4.9 फीसदी वृद्धि की उम्मीद, जापान में सबसे कम रहने का अनुमान
वैश्विक स्तर पर 2020 में 4.9 फीसदी की दर से सैलरी बढ़ने की उम्मीद है। 2.8 फीसदी के ग्लोबल इंफ्लेशन रेट के अंदाजे के बाद रियल-वेज सैलरी 2.1 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। सबसे ज्यादा रियल वेज ग्रोथ एशिया में होने की उम्मीद है जहां सैलरी 5.3 फीसदी से बढ़ने की संभावना है, जबकि रियल वेज सैलरी 3.1 फीसदी रहने और महंगाई दर 2.2 फीसदी रहने की उम्मीद है। इंडोनेशिया में 8.1 फीसदी सैलरी ग्रोथ होने की उम्मीद है। मलेशिया में 5 फीसदी, चीन में 6 फीसदी और कोरिया में 4.1 फीसदी वृद्धि हो सकती है। सबसे कम सैलरी ग्रोथ के मामले में जापान आगे है। यहां पर महज 2 फीसदी और उसके बाद ताइवान में 3.9 फीसदी ग्रोथ रहने की संभावना है।
मुकेश कौशिक | नई दिल्ली .राज्यसभा में प्रश्नकाल सोमवार को एक घंटे से पांच मिनट पहले ही खत्म हो गया। दरअसल प्रश्नकाल के दौरान प्रश्न पूछने वाले आधे सदस्य गायब थे। इस पर सभापति एम वेंकैया नायडू नाराज हुए। उन्होंने मीडिया से कहा कि वह उन सदस्यों के नाम भी जनता को बताए ताकि पता चले कि ये सांसद कौन हैं। सभापति बाद में राज्यसभा की प्रश्न ब्रांच से नदारद सदस्यों की सूची मांगी। पता चला कि 7 सांसद गैर हाजिर थे।
संसद के दोनोंं सदनों में प्रश्नकाल सदस्यों के लिए बहुत अहम होता है। सदस्य जो सवाल पूछते हैं, बैलेट के जरिए यह उसमें से 15 सवाल चुने जाते हैं। उनके मंत्रियों को सदन में उस समय मौजूद रहना होता है। वे सदस्यों के पूरक प्रश्नों का जवाब देते हैं। सरकार जवाब देने के लिए एक हफ्ते तैयारी करती है।
सपा के रवि प्रकाश बोले- जब लौटा तो सवाल आ चुका था, बाद मंे हाथ हिलाता रहा; मुझे देखा ही नहीं
(विनय विश्वम, सीपीआई): जम्मू कश्मीर, लद्दाख में कितने सार्वजनिक उपक्रम चालू हुए?
जवाब: मैं उसी समय टायलेट चला गया था। सभापति की नाराजगी का मुझे पता चला तो मैं तुरंत उनके चैम्बर में गया। वह मेरे जवाब से संतुष्ट थे।
(धर्मपुरी श्रीनिवास (कांग्रेस) : तेलंगाना में हाईवे बनाने के लिए सरकार क्या कर रही है?
जवाब: भारी आवाज में कहा कि तबीयत खराब है। वायरल फीवर हुआ है।
रोनाल्ड सापा (कांग्रेस) : लघु उपक्रमों के लिए नई टेक्नोलाजी लाने पर सरकार क्या कर रही है?
{ गैर हाजिर। तीनों फोन स्विच ऑफ मिले।
(मोहम्मद नदीमुल, टीएमसीे) : पिछले 3 साल में सरकार ने अखबारों को दिए गए विज्ञापनों का ब्योरा?
{ गैर हाजिर। फोन आउट ऑफ कवरेज।
(पी भट्टाचार्य, कांग्रेस) : क्या सरकार की चरखे को प्रोत्साहन देने की कोई योजना है।
{ गैर हाजिर,फोन पर सम्पर्क नहीं हो सका।
(रवि प्रकाश वर्मा, सपा) : पिछले तीन साल में हाईवे के लिए कितनी राशि रखी।
जवाब : मैं एक मिनट के लिए फैक्ट चेक करने बाहर चला गया था। लौटा तो सवाल आ चुका था। बाद में हाथ हिलाता रहा। सभापति ने देखा नहीं।
(शशिकला पुष्पा, अन्नाद्रमुक): मन्नार की खाड़ी को संवेदनशील तटीय क्षेत्र में रखा गया है।
{ गैर हाजिर,फोन पर सम्पर्क नहीं हो सका।
नई दिल्ली .सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) को आम्रपाली समूह के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फंसे आठ प्रोजेक्ट का निर्माण पूरा करने और उनका पजेशन जल्द से जल्द देने का आदेश जारी किया है। बता दें कि इन परियोजनाओं में कुल 11,258 घर खरीदारों के फ्लैट फंसे पड़े हैं। कोर्ट अब 13 दिसंबर को इस मामले की सुनवाई करेगा।
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस उदय ललित की बंेच ने एनबीसीसी को आदेश दिया कि वह आम्रपाली ग्रुप के जोडियक, सफायर-1 और 2, सिलिकॉन सिटी-1और 2, प्रिंसली एस्टेट, ओ-टू वैली और सेंचुरियन पार्क का अधूरा निर्माण पूरा करे। इसके साथ ही कोर्ट ने सुरेखा परिवार को भी लताड़ लगाई, जिसने पहले कोर्ट के समक्ष कहा था कि वह आम्रपाली के कुछ प्रोजेक्ट खरीदना चाहती है।
इसके लिए बंेच ने सुरेखा परिवार को 167 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया था, लेकिन तय तारीख तक उसने यह पैसा जमा नहीं किया। बंेच ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि रकम जल्दी नहीं जमा कराई तो उसके परिवार के 3 सदस्यों को जेल भेज दिया जाएगा।
नई दिल्ली .हैदराबाद में सामूहिक दुष्कर्म के बाद वेटरनरी डाॅक्टर काे जलाकर मारने का मामला साेमवार काे संसद में गूंजा। राज्यसभा में अाक्राेशित सांसदों ने दुष्कर्मियाें काे शीघ्र फांसी देने, भीड़ के हाथाें लिंचिंग अाैर नपुंसक बनाने जैसी मांगें रखीं। वहीं, लाेकसभा में सांसदाें ने एक सुर में कहा कि दुष्कर्म जैसे घिनाैने अपराध करने वालाें काे सिर्फ मौत दी जाए। सांसदाें ने सात साल पुराने निर्भया कांड का जिक्र करते हुए कहा किसुप्रीम कोर्ट के अादेश के बावजूद चाराें दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकी है। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अाश्वासन दिया कि सरकार कानून और सख्त बनाने काे तैयार है।
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि हैदराबाद जैसे दुष्कर्म अाैर हत्या के घिनाैने मामलाें में जल्द सजा सुनिश्चित करने के लिए सरकार अाईपीसी अाैर सीअारपीसी में संशाेधन के लिए तैयार है। राज्यसभा में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा- ‘दुष्कर्म रोकने के लिए नए कानूनों की जगह राजनीतिक इच्छाशक्ति जरूरी है। अभी दोषियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट से सजा मिलती है तो अपील पर अपील के कारण दोषी सालों बचता रहता है।
क्या ऐसे दरिंदों काे दया याचिका का अधिकार देना चाहिए? कोर्ट से सजा मिलने के बाद राज्य सरकार, फिर केंद्र सरकार, फिर गृह मंत्रालय और फिर राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने की व्यवस्था क्यों है? उन्हाेंने कहा कि उम्र पर भी विचार करना चाहिए। कई लोग कहने लगते हैं कि आरोपी नाबालिग है। जाे दुष्कृत्य और अपकृत्य कर सकता है, उसका उम्र से क्या लेना-देना?’ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने देश में यौन शोषण की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए केंद्र, राज्यों अाैर केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को नोटिस जारी किया है। मीडिया रिपोर्ट्स पर संज्ञान लेते हुए अायाेग ने सरकाराें से इन मामलों से निपटने की प्रक्रिया अाैर निर्भया निधि के इस्तेमाल पर रिपोर्ट मांगी है।
उपराष्ट्रपति बोले-क्या ऐसे दरिंदों काे दया याचिका का हक रहना चाहिए?
संसद से जनताका सीधा सवाल :निर्भया कांड के बाद 7 साल में देश में 2.34 लाख दुष्कर्म, एक भी दोषी फांसी पर क्यों नहीं लटका?
दिल्ली से तेलंगाना तक प्रदर्शन जारी :साेमवार काे भी दिल्ली, तेलंगाना, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश सहित देश के कई हिस्साें में विराेध प्रदर्शन हुए। तेलंगाना के डीजीपी ने कहा- जांच समयबद्ध तरीके से पूरी हाेगी।
‘यौन अपराधियों के नाम सार्वजनिक हों’
कानून का भय खत्म,अब भीड़ ही इंसाफ करे
कठोर कानून का भी भय नहीं है। मैं चाहती हूं कि एेसे मामलों के अारोपियों को भीड़ काे साैंपकर लिंचिंग कर देनी चाहिए। दुनिया के कई देशों में इस तरह की व्यवस्था है।’- जया बच्चन, सपा
जेल से छूटने से पहले नपुंसक बना दिया जाए :दुष्कर्मियों काे रिहा करने से पहले नपुंसक बनाना चाहिए, ताकि वह दाेबारा अपराध न करे। याैन अपराधियाें की सूची सार्वजनिक करनी चाहिए।’- पी विल्सन, डीएमके
माैके पर ही सजा देने की व्यवस्था बनानी होगी :एेसी निर्मम घटनाएं देशभर में खराब माहाैल पैदा करती हैं। हमें माैके पर ही सजा पर अमल करने की व्यवस्था बनानी होगी। हमें कैसी प्रतिक्रिया देनी चाहिए, इस पर बहस करनी चाहिए।’- बंदी संजय कुमार, भाजपा
तेलंगाना में बिक रहीशराब भी जिम्मेदार :हैदराबाद की घटना अमानवीय है। तेलंगाना में हाे रही शराब की बिक्री इस घटना की जिम्मेदार है। काेर्ट जल्द फैसला कर दाेषियाें काे फंदे पर लटकाए।’
- उत्तम कुमार रेड्डी, कांग्रेस
पुलिस रिपोर्ट में खुलासा
वेटरनरी डॉक्टर को मार डालने के बाद भी दरिंदों ने कई बार दुष्कर्म किया
वेटरनरी डॉक्टर को अगवा करने के बाद चारों आरोपियों ने सुनसान जगह पर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। फिर उसे गला घोंटकर मार दिया। सिर पर भी जोरदार प्रहार किया। इससे उसकी मौत हो गई। उसके बाद आरोपियों ने उसका शव ट्रक के कैबिन में रख दिया। बाद में आरोपी उसे फेंकने के लिए 27 किमी दूर लेकर गए। रास्ते में चलते ट्रक में भी कई बार दुष्कर्म किया गया, जबकि वह कैबिन में रखने से पहले ही मर चुकी थी। पुलिस ने यह जानकारी अदालत को आरोपियों का 10 दिन का रिमांड मांगते समय दी। अारोपी अभी हिरासत में हैं।
नई दिल्ली .मौजूदा दशक समाप्ति की ओर है और 2020 से नए दशक की शुरुआत हो रही है। साल 2020 को भारत में इंटरनेट आधारित बिजनेस की ग्रोथ के लिए काफी अहम माना जा रहा है। गोल्डमैन साक्स की रिपोर्ट के मुताबिक 2025 तक भारत में इंटरनेट आधारित बिजनेस का मार्केट साइज 16,000 करोड़ डॉलर (करीब 11.4 लाख करोड़ रुपए) तक पहुंच जाएगा। यह मौजूदा मार्केट साइज से करीब तीन गुना ज्यादा है। इंटरनेट आधारित बिजनेस में ई-कॉमर्स, ट्रैवेल, फूड, क्सालिफाइड, ऑनलाइन कंटेंट आदि आते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार इस तूफानी ग्रोथ का फायदा के लिए जरूरी है कि ऐसे बिजनेस में तत्काल निवेश किया जाए। इस वजह से 2020 में इस क्षेत्र में जमकर निवेश बढ़ेगा। आने वाले कुछ सालों में भारत के ज्यादातर बड़े बिजनेस इंटरनेट आधारित होंगे। इसलिए निवेशक इसकी ग्रोथ के शुरुआती चरण में ही निवेश करना चाहेंगे ताकि उन्हें ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके। इंटरनेट ड्रिवेन कंपनियां अगले 20 करोड़ ग्राहक जुटाने के लिए अधिग्रहण और मर्जर पर भी जोर दे सकती हैं। एक्टिव इंटरनेट यूजर्स की ज्यादातर ग्रोथ टियर 2, टियर 3 शहरों और ग्रामीण इलाकों से मिलेगी।
भारत के ज्यादातर कैपिटल वेंचर फर्म ऐसे इन्वेस्टमेंट जरिए की तलाश में हैं जो उन्हें साल 2025 तक अच्छी स्थिति में पहुंचा दे। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2020 की पहली तिमाही तक वेंचर कैपिटल इन्वेस्टमेंट का ट्रेंड मजबूत रहेगा। ये किसी स्टार्टअप के शुरुआती चरण में निवेश को तरजीह दे सकते हैं।
सॉफ्ट बैंक इस दिशा में पहले से ही सक्रिय है, लेकिन अब कई अन्य ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फर्म भी भारत का रुख कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक प्राइवेट इक्विटी फर्म वालबर्ग भारत में निवेश के लिए 150 करोड़ डॉलर का फंड इकट्ठा कर रही है। वहीं, अलीबाबा की अगुवाई वाली एंट फाइनेंशियल भारत सहित दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए 100 करोड़ डॉलर का फंड इकट्ठा कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2020 तक 10,500 टेक स्टार्टअप मौजूद होंगे। इनमें से कम से कम 50 में यूनिकॉर्न होने की संभावना जताई जा रही है। यूनिकॉर्न का मतलब ऐसे स्टार्टअप से है जिसकी वैल्युएशन 100 करोड़ डॉलर के पार जाए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2025 तक भारत में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। ये प्रत्यक्ष रूप से 11 लाख जॉब के अवसर पैदा करेंगी।
इंटरनेट आधारित बिजनेस का मार्केट साइज
वित्त वर्ष ई-कॉमर्स ट्रैवेल फूड क्लासिफाइड कुल
{2018-19 3500 1600 220 70 5300
{ 2024-25 11300 3800 880 200 16100
नोटः राशि करोड़ डॉलर में
नई दिल्ली (अमित कुमार निरंजन).भारत का स्वदेशी बहुउद्देशीय मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ दिसंबर 2021 में लाॅन्च किया जाएगा। इसमें इसरो और आईआईटी दिल्ली नया प्रयोग करने वाले हैं। इसके तहत अंतरिक्ष यात्री बिना पानी के स्प्रे से नहाएंगे। इसेक्लेन्स्टा इंटरनेशनल कंपनी ने आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर तैयार किया है। अंतरिक्ष में नहाने के लिए इसका इस्तेमाल करने वाला भारत पहला देश होगा। नासा भी इसका इस्तेमाल किए जाने को लेकर इसरो के साथ संपर्क में है।
अंतरिक्ष में यात्रियों को स्पेस शटल में कम से कम सामान ले जाना हाेता है। जहां नहाने के लिए पर्याप्त पानी नहीं होता है। न नहाने पर शरीर पर कई तरह के कीटाणु पैदा हो जाते हैं। अंतरिक्ष यात्रियों को नहाने के लिए अलग प्रकार से पानी का उपयोग करना पड़ता है। यहां तक कि उन्हें अपने पेशाब को जमा कर विशेष प्रक्रिया के जरिए रिसाइकिल कर इस्तेमाल करना पड़ता है।
स्प्रे कोनेवी, आर्मी कमांडो इस्तेमाल कर चुके हैं
बिना पानी के स्प्रे से नहाने की तकनीक पर आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर काम करने वाले डॉ. पुनीत गुप्ता ने बताया कि उनकी मां को कुछ साल पहले पैर में चोट आ गई थी। घाव में इंफेक्शन न हो, इसलिए डॉक्टर ने चोट को पानी से दूर रखने की हिदायत दी। इस कारण वह कई दिनों तक नहा नहीं पाईं। उन्हें बालों और त्वचा में खुजली होती थी। वहीं से उन्हें वॉटरलेस बॉडी वॉश बनाने का आइडिया आया। 2018 में उन्होंने स्टार्टअप शुरू किया। आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर इसरो के लिए इस प्रोजेक्ट पर काम किया। तब से लेकर अब तक नेवी,आर्मी कमांडो इसका इस्तेमाल पानी की गैरमौजूदगी में कर चुके हैं। अब इस प्रोडक्ट का इस्तेमाल एम्स रायपुर समेत करीब 200 से ज्यादा सरकारी अस्पताल अपने उन मरीजों के लिए कर रहे हैं, जिन्हें किसी न किसी चोट के कारण पानी से दूर रहने के लिए कहा जाता है। इसके इस्तेमाल के बाद शरीर से 100% कीटाणु खत्म हो जाते हैं।
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सेल बनेगा
आईआईटीदिल्ली और इसरो संयुक्त रूप से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सेल स्थापित करेंगे। आईआईटी के निदेशक रामगोपाल राव ने शुक्रवार को कहा कि यह सेल हमारी स्पेस टेक्नोलॉजी बाहरी देशों को मुहैया कराने के अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नैनो टेक्नोलॉजी, फंक्शनल टेक्सटाइल और स्मार्ट मैन्यूफैक्चरिंग के लिए रिसर्च का काम करेगा।
पानीपत/ नई दिल्ली (प्रीतपाल/राजकिशोर).हरियाणा की निर्मल तंवर जब बचपन में वॉलीबॉल खेलती तो गांव के लड़के नेट काट देते। वे रोज नेट जोड़तीं और फिर प्रैक्टिस करतीं। आज वे भारतीय महिला टीम की कप्तान हैं। दूसरी ओर, महाराष्ट्र की प्रियंका ने घर का खर्च चलाने के लिए खो-खो खेलना शुरू किया था। फिलहाल प्रियंका भारतीय टीम की प्रमुख सदस्य हैं। दोनों खिलाड़ी इन दिनों नेपाल में साउथ एशियन गेम्स में हिस्सा ले रही हैं। महिला खो-खो टीम ने पहले मैच में श्रीलंका को पारी से हराया। दोनों खिलाड़ियों के स्ट्रगल की कहानी-
हाइट अच्छी थी तो कोच ने निर्मल को वॉलीबॉल खेलने को कहा
मेरे पिता अासन कलां में किसान हैं। मैंने पांचवीं तक की पढ़ाई गांव के ही एक प्राइवेट स्कूल में की। वहां खेलने की सुविधा नहीं थी, इसलिए सरकारी स्कूल में एडमिशन लिया। मेरी हाइट अच्छी थी, तो कोच जगदीश कुमार ने मुझे वॉलीबॉल खेलने की सलाह दी। मैं सुबह-शाम प्रैक्टिस करती। गांव में लड़कियां खेलती नहीं थीं, तो मैं लड़कों के साथ प्रैक्टिस करती। मेरा भाई भी साथ खेलता। गांव वालों को अच्छा नहीं लगता था कि लड़की वॉलीबाॅल खेले। जब स्कूल में वॉलीबाॅल की प्रैक्टिस करती तो गांव के लड़के नेट काट देते थे। रोज सुबह कोच जगदीश के साथ नेट जोड़ती और फिर प्रैक्टिस करने लगती। जिला स्तर पर नाम हुआ तो गांव वाले भी सपोर्ट करने लगे। 2014 में भोपाल के साई सेंटर में अंडर-23 के लिए ओपन ट्रायल निकला। मैं सिलेक्ट हो गई। मेरी निरंतरता ने मुझे सफल बनाया। घर में कोई भी फंक्शन हो, मैंने कभी प्रैक्टिस नहीं छोड़ी। मैं खेल के कारण 2 साल तक परीक्षा नहीं दे पाई। इसलिए ओपन से बीए किया। अब रेलवे में टीसी हूं। भारत ने पिछले गेम्स (2016) में गोल्ड जीता था। मुझे इस बार भी गोल्ड की उम्मीद है।
गांव वालों के विरोध के बाद भी परिवार के सपोर्ट के कारण यहां तक पहुंची
मैं ठाणे के पास बदलापुर की रहने वाली हूं। जब मैं पांचवीं क्लास में थी, तब स्कूल में सर लंगड़ी करवाते थे। लंगड़ी में बेहतर करने वाले को स्कूल में चलने वाले खो-खो क्लब में शामिल करते। हमारे घर की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय थी। घर में हम दो बहनें और मम्मी व पापा हैं। घर में कमाने वाला कोई नहीं था। पापा को शराब पीने की बुरी आदत थी। जब मैं खो-खो खेलने लगी तो मैच जीतने के बाद इनाम के तौर पर जो पैसे मिलते थे, उसी से घर का खर्च चलता था। ऐसे में मुझे लगा कि खो-खो खेलना है ताकि घर के लिए कुछ कर सकूं। जब नौवीं में थी तो गांव के लोगों ने मेरे खेलने का विरोध किया। लेकिन मां ने मेरा साथ दिया। स्कूल के टीचर ने भी प्रेरित किया। अब खो-खो की बदौलत ही एयरफोर्स अथॉरिटी में नौकरी मिल गई है। मुझे उम्मीद है कि खो-खो लीग शुरू होने के बाद खिलाड़ियों को और बेहतर सुविधा मिल सकेगी।
नई दिल्ली.मराठी अभिनेत्री सारा श्रवण को साथी अभिनेता द्वारा दर्ज 15 लाख रुपए की वसूली मामले में पुणे पुलिस की अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। मामले में अभी तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुलिस ने रविवार को बताया कि श्रवण ने अभिनेता सुभाष यादव के साथ काम किया था और फिल्म रिलीज होने के बाद उनके खिलाफ छेड़खानी का एक मामला दर्ज कराया था। उन्होंने कहा, ‘एक आरोपी राम जगदाले ने सौदे में बिचौलिए का काम किया। यादव ने अपनी हरकतों के लिए माफी मांगने वाला एक वीडियो तैयार किया। आरोपी ने वीडियो सार्वजनिक नहीं करने के बदले में यादव से 15 लाख रुपए मांगे थे।’
नई दिल्ली (अमित कुमार निरंजन).देश के कुछ युवा ऊंचे वेेतन की नौकरियां छोड़कर समाज के उस तबके के लिए काम कर रहे हैं, जिन्हें उनकी मदद की सबसे अधिक जरूरत है। अन्ना आंदाेलन ने आईआईटी के साहिल अग्रवाल और कुमार शुभम जैसे कुछ युवाओं को देश के लिए कुछ सार्थक करने के लिए प्रेरित किया। इन युवाओं ने 2014 में विजन इंडिया फाउंडेशन (वीआईएफ) बनाया और एक ऐसा ट्रेनिंग मॉडल तैयार किया, जिसमें संविधान, कानून, आर्थिक नीति, लोकल गवर्नेंस, इनवायरमेंट जैसे विषय शामिल हैं। इस काम में उन्हें आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर नोमेश बोलिया और आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र शोभित माथुर का मार्गदर्शन मिला। ट्रेनिंग मॉडल बनाने में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व कैग विनोद राय, पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, टीएमसी के नेता दिनेश त्रिवेदी, पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल सैय्यद अता हसनेन, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाय कुरैशी सहित कई जानकारों ने मदद की है। अब तक वीआईएफ करीब डेढ़ हजार लोगों को पॉलिसी बनाने और उन्हें लागू करने की ट्रेनिंग दे चुकी है। पढ़िए इस मॉडल से ट्रेंड तीन ऐसे युवाओं की कहानी, जो समाज निर्माण में अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं...
नमन बंसल : वंचित बच्चों के लिए सोलर प्रोजेक्टर, 60% बच्चे मुख्यधारा में लौटे
मेरठ के सॉफ्टवेयर इंजीनियर नमन बंसल (27) ने दो साल पहले विप्रो की नौकरी छोड़ी और आज अजमेर के बेयरफुट कॉलेज से जुड़कर शिक्षक की भूमिका में हैं। वे दूरस्थ गांवों में सोलर प्रोजेक्टर के जरिए रात की पाठशाला में पढ़ा रहे हैं। इन गांवों में बिजली न के बराबर ही रहती है। वंचित बच्चों के लिए यह सोलर पाठशाला 10 राज्यों के 47 स्कूलों में चल रही है। इनमें पांचवीं तक की पढ़ाई होती है। नमन, संस्था के साथ मिलकर करीब डेढ़ लाख बच्चों को पढ़ा चुके हैं, इनमेे 65% बच्चियां हैं। इन शालाओं में पढ़े 60% बच्चे मुख्यधारा की पढ़ाई में अा चुके हैं। नमन को संयुक्त राष्ट्र और ग्लाेबल यंग फेलोशिप से कर्मवीर अवॉर्ड मिल चुका है।
अमन गुप्ता : किसानों से खरीदा सीधे नारियल पानी, आय 30% तक बढ़ाई
नोएडा के अमन गुप्ता (29) ने आईआईटी दिल्ली से बीटेक के बाद ओपेरा में जॉब की, लेकिन भारतीय परंपरा से जुड़ने की इच्छा के कारण चार साल पहले दो लाख रुपए महीने की यह जॉब छोड़ दी। उन्होंने आयुर्वेद में संभावनाएं देखकर ओरेक स्टार्टअप बनाया और नारियल, आंवला के किसानों से संपर्क किया। आज वे तमिलनाडु के पांच हजार किसानों से सीधे नारियल पानी और फल खरीदकर अपने ऑनलाइन स्टोर के जरिए ग्राहकों तक पहुंचाते हैं। इससे बिचौलियों की भूमिका कम हो गई है और किसानों का मुनाफा बढ़ा है। ओरेक को नारियल पानी बेच रहे त्रिपुर जिले के एस सरट बताते हैं कि मेरे जैसे किसानों की आय 30% तक बढ़ी है।
रोहित परख : जैविक बीज के लिए काम, चार हजार स्कूलों में किचन गार्डन
परख (28) ने तीन साल पहले लंदन के एक बैंक की तीन लाख रु. महीने की जॉब छोड़ दी। अब वे सहायक ट्रस्ट के साथ काम करते हैं, जो बिचौलियों से किसानों को बचाकर जैविक बीज थोक में खरीदता है और आम लोगों को किचन गार्डन के लिए बेच देता है। इस तरह किसानों की आय बढ़ती है और साथ ही लोगों को अच्छे बीज भी मिल जाते हैं। राेहित, सहायक ट्रस्ट के साथ मिलकर महाराष्ट्र के सरकारी स्कूलों में किचन गार्डन बनाने का काम कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने स्कूलों में किचन गार्डन की ट्रेनिंग, बीज देने और रोपने की वर्कशॉप भी की हैं। रोहित ने महाराष्ट्र के दस जिलों के चार हजार सरकारी स्कूलों में किचन गार्डन शुरू करवाया है।
नई दिल्ली.आपके घर, दुकान और कारखानाें काे ठंडा कर रहे एयर कंडीशनर बिजली की अत्यधिक खपत करते हैं। इनसे पर्यावरण काे भी नुकसान पहुंच रहा है। इसके पीछे वजह यह है किवर्तमान में उपलब्ध एयर कंडीशनर का माॅडल करीब 100 साल पहले ईजाद किया गया था। तबसे इसमें काेई बदलाव नहीं हुआ।अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी का अनुमान है किधरती की 10 प्रतिशत बिजली की खपत एयर कंडीशनर में हाेती है। भारत में फिलहाल 1.40 कराेड़ एयर कंडीशनर हैं। ग्लाेबल वाॅर्मिंग के चलते जिस तेजी से पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्ष 2050 तक इनकी संख्या 100 कराेड़ हाे जाएगी।
दुनियाभर में अभी 120 कराेड़ एसी हैं, जाे 2050 तक 450 कराेड़ हाे जाएंगे। एयर कंडीशनर की बढ़ती संख्या औरबिजली की खपत से चिंतित भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय पहल की है। विज्ञान एवं प्राैद्याेगिकी मंत्रालय ने अमेरिका के राॅकी माउंटेन इंस्टीट्यूट (आरएमआई) के साथ मिलकर ग्लाेबल कूलिंग प्राइज स्पर्धा लाॉन्चकी है। इसमें 24 देशों के साथ यूरोपीय संघ भी शामिल है।
95 देशाें के 2100 प्रतिभागी प्रतियोगिता मेंशामिल
प्रतियोगिता केप्रारंभिक चरण में 95 देशाें के 2100शामिल हुए। इनमें से 8 टीमें चुनी गईं। इनमें तीन भारत की, तीन अमेरिकी, एक-एक चीन और ब्रिटेन की है। इन्हें प्राेटाेटाइप बनाने के लिए दाे लाख डाॅलर दिए गए हैं। विदेशी टीमाें काे प्राेटाेटाइप तैयार कर भारत भेजना हाेगा। इसकी टेस्टिंग अगले साल दिल्ली की गर्मी में 60 दिन तक हाेगी।
मॉडल चलेगा, लेकिन पर्यावरण के अनुकूल हो
आरएमआई के एमडी इयान कैंपबेल के मुताबिक, नई जनरेशन का एयर कूलिंग सिस्टम पर्यावरण पर पांच गुना कम असरकारी हाेना चाहिए। भले कीमत माैजूदा माॅडल से दाेगुनी हाे।
स्पर्धा के तहत कई आइडिया सामने आए हैं। इनमें वेपर कम्प्रेशन प्रौद्योगिकी, वेपर कूलिंग, एवोपरेटिव कूलिंग और सॉलिड-स्टेट कूलिंग प्रौद्योगिकियों के स्मार्ट एवं हाइब्रिड डिजाइन शामिल हैं। कैंपबेल के मुताबिक, असल चुनाैती बाद में सामने आएगी। लाेगाें काे यह समझना हाेगा कि नई तकनीक भले की महंगी है, लेकिन पर्यावरण के लिहाज से बेहतर है।
नई दिल्ली (पवन कुमार).दवा की ऑनलाइन बिक्री वाले ई-फार्मेसी प्लेटफॉर्म अब अपने पास दवा स्टाेर नहीं कर सकेंगे। खुदरा या थाेक विक्रेताओंसे टाई-अप करके ही यह ग्राहकों तक दवा पहुंचा सकेंगे। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने ई-फार्मेसी रेगुलेशन में बदलाव किया है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अब सिर्फ दवा का ऑर्डरबुक कर सकेंगे। दवा की डिलीवरी खुदरा या थाेक विक्रेता के जरिए ही करनी पड़ेगी।
ई-फार्मेसी को ग्राहकों द्वारा दिया गया प्रिस्किप्शन भी सुरक्षित रखना हाेगा। डाॅक्टर के बताए अनुसार ही दवा देनी हाेगी। एंटीबॉयोटिक्स के मामले में इसका विशेष ख्याल रखना हाेगा। स्पष्ट निर्देश है कि प्रिस्क्रिप्शन के बिना एंटीबॉयोटिक्स दवा का ऑर्डर बुक नहीं किया जाएगा।
पहली बार दवा सीधे घर पहुंचेगी
सरकार पहली बार दवा दुकानदारों को भी सीधे ग्राहक के घर जाकर दवा पहुंचाने का अधिकार दे रही है। अभी तक इसे गैर कानूनी माना जाता था। देश में अभी ई-फार्मेसी के करीब 50 प्लेटफॉर्म चल रहे हैं, जबकि दवा की करीब आठ लाख खुदरा दुकानें रजिस्टर्ड हैं। सभी पक्षाें से बात करने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है।
नई दिल्ली/मुंबई (धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया, साथ में भास्कर फाइनेंस एक्सपर्ट्स). अगर आप जोमैटो से खाना मंगवाते हैं, ऑफिस के लिए ओला कैब करते हैं, भुगतान पेटीएम से किया है, मेकमाय ट्रिप पर छुटि्टयां प्लान कर रहे हैं, होटल ओयोपर सर्च कर रहे हैं, फिल्म देखने के लिए बुक माई शो से टिकट करवा रहे हैं, बिग बास्केट से किराना ऑर्डर कर रहे हैं और साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग के लिए कपड़े फ्लिपकार्ट से खरीद रहे हैं, तो इस तरह आपने दिनभर में 8 ऑनलाइन कंपनियों की सेवाएं लीं।
चौंकाने वाली बात यह है कि तेजी से बढ़ रही इन 8 ऑनलाइन कंपनियों का सामूहिक कुल घाटा अभी 36 हजार 761 करोड़ रुपए से अधिक है। दिलचस्प यह है कि ये कंपनियां देश में करीब 20-40 फीसदी की वार्षिक दर से अपना कारोबार और ब्रैंड वैल्यू भी बढ़ा रही हैं। वर्ष दर वर्ष ये कंपनियां जहां ग्राहक संख्या और राजस्व बढ़ा रही हैं, नया निवेश भी हासिल करती जा रही हैं।
कंपनियों का घाटा भी बढ़ रहा
इसे इस उदाहरण से समझ सकते हैं। ऑनलाइन फूड मुहैया कराने वाली जोमैटो का वर्ष 2014-15 में राजस्व 36.12 करोड़ था। इसी वर्ष कंपनी का घाटा 37.17 करोड़ रुपए रहा। पांच साल में कंपनी का राजस्व यूं तो करीब 37 गुना बढ़कर 1,350 करोड़ से अधिक हो गया, लेकिन घाटा 570 करोड़ रुपए से अधिक रहा। विशेषज्ञों के मुताबिक कम से कम अगले पांच साल तक देश में ऑनलाइन कंपनियाें का कारोबार घाटे में ही चलता रहेगा। पीडब्ल्यूसी के पार्टनर एंड लीडर डील स्ट्रैटजी संकल्प भट्टाचार्य ने कहा कि ऑनलाइन कंपनियों के प्लेटफाॅर्म्स पर अाक्रामक रूप से डिस्काउंट चलता है साथ ही डिलीवरी, वेयर हाउिसंग और कारोबार का विस्तार करने पर लगातार इनवेस्टमेंट भी हो रहा है। भट्टाचार्य कहते हैं कि लेकिन अभी ये कंपनियां फायदा नहीं बना पा रही हैं। कंपनियों की कोशिश ग्राहकों के व्यवहार में बदलाव लाकर उसे अपने ब्रांड से जोड़े रखने की है। अलीबाबा, सॉफ्ट बैंक, टाइगर ग्लोबल समेत सात आठ पुराने निवेशक देश में कंपनियों में निवेश कर रहे हैं और वे पैसा लगाते रहेंगे। ऐसी कंपनियों को फायदे में आने में अभी करीब चार से पांच साल और लगेंगे, इस बीच ग्राहकों को फायदा होता रहेगा।
फिर कंपनियां लगातार बढ़ते घाटे के बावजूद कारोबार को क्योंबढ़ा रही हैं? यह पूछने पर ई-कॉमर्स कंपनियों को सलाह देने वाली कंपनी टैक्नोपैक कंसल्टिंग के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट अंकुर बिसेन कहते हैं कि ऑनलाइन बाजार को लगा कि ढांचागत ऑफलाइन की कमी को पूरा करने में वे सक्षम हैं। इसलिए आेयो, पेटीएम जैसी कंपनियों ने एक नई शुरुआत देश में की। ऑनलाइन कंपनियों ने पहली बार देश में वस्तुओं की नई कीमत तय (प्राइस डिस्कवरी) की। कंपनियों ने भारी डिस्काउंट देकर ग्राहकों को आकर्षित किया। ग्राहक तक पहुंचने के लिए कंपनियों को पैसा चाहिए और यह कमी वेंचर इन्वेस्टमेंट फंड से पूरी हुई। इसमें बड़ा हिस्सा विदेशी कंपनियों का रहा है। यह कॉन्सेप्ट अमेरिका, यूरोप, चीन होते हुए भारत में आया है। एक स्थिति के बाद कंपनियाें के लिए घाटा और लागत मायने नहीं रखती। एक तय धारणा या उम्मीद के आधार पर देश में कारोबार हो रहा है। अलीबाबा, एयर बीएनबी और अमेजन जैसी कंपनियों ने अमेरिका में ऐसे ही कंपनियों को फायदे में चलाकर दिखाया है। बिसेन कहते हैं कि वैसे कम से कम पांच साल तो कंपनियां घाटे में ही रहेंगी। इस दौरान इस क्षेत्र में कई कंपिनयों के विलय-अधिग्रहण भी होंगे।
वहीं मेक माईट्रिप के प्रवक्ता ने कहा कि बाजार में जहां भी इंटरनेट की पहुंच है, हम वहां अवसर देख रहे हैं। हम लगतार अपने घाटे को घटा रहे हैं और लाभ की ओर बढ़ रहे हैं। भारी डिस्काउंट के बावजूद निवेशक क्यों कंपिनयों में पैसा लगाते हैं? यह पूछने पर एक विशेषज्ञ ने कहा कि ऑनलाइन कंपनियों में पैसा लगाने वाले निवेशक ही कहते हैं कि पहले ग्राहक लाओ, आधार तैयार करो जिससे मार्केट शेयर बढ़े। इसीलिए 800 की चीज 600 रुपए में मिलती है। कंपनियों और निवेशकों की कोशिश है कि ग्राहक उन्हीं के प्लेटफार्म का उपयोग करें। एक समय बाद ऐसी कंपनियां या तो अपनी कंपनी को बेच देती हैं या फिर वे कुछ समय के बाद फायदे में ही आ जाती हैं। भारत में भी ऐसा संभव है।
कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा एवं बाजार का विश्लेषण करने वाली कंपनी कालागाटो के चीफ बिजनेस ऑफिसर अमन कुमार कहते हैं कि ऑनलाइन कंपनियों की डिमांड इसलिए है, क्योंकि वो डिस्काउंट देते हैं। प्रतिस्पर्धा के कारण भी कंपनियों को डिस्काउंट देना पड़ता है। हालांकि ग्राहकों को फायदा ही है, क्योंकि अब वर्षभर ऑनलाइन सेल चलती रहती है। घाटे के बावजूद कंपनियों की मार्केट वैल्यू कैसे बढ़ती जा रही है, यह पूछने पर भट्टाचार्य कहते हैं कि सामान्य तौर पर कंपनियों के वैल्यूशन से अलग इन कंपनियों का वैल्यूएशन होता है। 20 साल पहले डिस्काउंट कैश जनरेशन के आधार पर कंपनी की वैल्यू तय होती थी लेकिन अब ग्रास मर्केन्डाइस कीमत मल्टीपल आधार पर तय हो रही है। जितनी अच्छी कंपनी की स्थिति होगी, उतने गुना ही वैल्यू ज्यादा होगी। जैसे अभी कंपनी का टर्नओवर 100 रुपए है और मार्जिन 10 रुपए है, तो कंपनी की वैल्यू निकालने के लिए 10 रुपए का 15 गुना यानी 150 रुपए कंपनी की वैल्यू तय होगी। कहीं-कहीं रेवेन्यू के आधार पर भी कंपनियों की कीमत का निर्धारण हो रहा है, यह दो से छह गुना तक है। जो निवेशक इन कंपनियों में पहले निवेश कर चुके हैं वे ही अभी ज्यादा पैसा लगा रहे हैं और नए निवेशक अभी कम आ रहे हैं।
इस तरह समझें किस कंपनी को कितना घाटा
ब्रांड का नाम | कंपनी का नाम | वर्ष | नुकसान | वर्ष | नुकसान | कुल नुकसान |
---|---|---|---|---|---|---|
फ्लिपकार्ट | फ्लिपकार्ट इंडिया प्रा. लि. | 18-19 | 5459.70 | 14-15 | 1932.92 | 16,485.20 |
जोमैटो | जोमैटो मीडिया प्रा. लि. | 18-19 | 570.53 | 14-15 | 37.17 | 1070.55 |
ओला | एएनआई टेक्नोलाॅजी प्रा. लि. | 17-18 | 2676.7 | 13-14 | 34.22 | 11,363.36 |
ओयो | ओरावेल स्टेज प्रा. लि. | 17-18 | 311.53 | 13-14 | 00.56 | 1,148.22 |
बुक माय शो | बिग ट्री एंटटेनमेंट प्रा.लि. | 17-18 | 140.26 | 13-14 | 04.03 | 284.93 |
मेक माय ट्रिप | मेकमाय ट्रिप (इंडिया) प्रा.लि. | 17-18 | 684.97 | 13-14 | 60.52 | 1,821.07 |
बिग बास्केट | इनोवेटिव रिटेल काॅन्सेप्ट्स प्रा.लि. | 17-18 | 179.23 | 13-14 | 02.35 | 485.87 |
पेटीएम | वन 97 कम्युनिकेशंस लि. | 17-18 | 1,490.47 | 13-14 | 02.04* | 4,101.84 |
कुल योग | -- | -- | -- | -- | 36,761.04 |
नोट : वित्तिय आंकड़े करोड़ रुपए में। *पेटीएम को वर्ष 13-14 में हुआ लाभ। सोर्स- मिनिस्ट्री ऑफ कार्पोरेट अफेयर्स की वेबसाइट पर उपलब्ध डेटा के अनुसार। कंपनियों के नुकसान कर बाद के लिए हैं। कंपनियों के आंकड़े हमने स्टैंड अलोन लिए हैं उससे संबंधित ग्रुप की अन्य कंपनियों के नहीं लिए हैं। बिग बास्केट की दो कंपनियां हैं हमने थोक में कार्य करने वाली कंपनी सुपरमार्केट ग्रोसरी सप्लाइस के आंकड़ों को शामिल नहीं किया है। फ्लिपकार्ट के आंकड़ों में दो कंपनियों (फ्लिपकार्ट इंडिया प्रा.लि. एवं फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्रा. लि.) के वित्तीय आंकड़ें शामिल हैं। मेक माय ट्रिप के आंकड़ों में हमने सिर्फ मेक माय ट्रिप (इंडिया) प्रा.लि. के ही आंकड़े लिए हैं। आईबीबो, अंतरराष्ट्रीय कंपियों के कारोबार के आंकड़ों को शामिल नहीं किया है।
कंपनियों की बैलेंस शीट में चौंकाने वाली बातें
सबसे बड़े घाटे में ओयो;4 साल में 1367 गुना घाटा
वर्ष 2013-14 में जहां ओयो का महज 84 लाख रु. का कुल घाटा हुआ था। वर्ष 2017-18 में इसका कुल घाटा बढ़कर करीब 1367 गुना यानी 1148.22 करोड़ हो गया। ओयो भारत, नेपाल, मलेशिया, चीन, इंडोनेशिया, यूएई में 800 शहरों में है। वहीं 23 हजार से अधिक होटलों से अनुबंध है।
इनमें सबसे बेहतर फ्लिपकार्ट; 4 साल में 3 गुना बढ़ा राजस्व
फ्लिपकार्ट इंडिया प्रा. लि. और फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्रा. लि. का संयुक्त राजस्व वर्ष 2014-15 में 10,309.24 करोड़ रुपए था। वर्ष 2018-19 में यह बढ़कर 35,734.9 करोड़ रुपए हो गया। इस दौरान फ्लिपकार्ट इंटरनेट ने वर्ष 2018-19 में प्रमोशन पर 1141 करोड़ रुपए खर्च किए।
जो घाटे में, पर उधार नहींओला; रेवेन्यू 36, घाटा 193 गुना बढ़ा
15 लाख कैब (ड्राइवर पार्टनर) वाली कंपनी ओला द्वारा दी जानकारी के मुताबिक कंपनी पर कोई उधारी नहीं है। जबकि कंपनी का राजस्व वर्ष 2013-14 में महज 51.05 करोड़ रु. था जो वर्ष 2017-18 में बढ़कर 1860.61 करोड़ रुपए हो गया। यानी 36 गुना से अधिक बढ़ोतरी।
मेक माय ट्रिप; 11 गुना से अधिक बढ़ा घाटा
कंपनी की उधारी महज चार वर्ष (2013-14 से 2017-18) के दौरान करीब 98 लाख रुपए से बढ़कर करीब 2.75 करोड़ रुपए हो गई है। कंपनी का कुल घाटा इस दौरान करीब 11 गुना से अधिक बढ़ गया है।
पेटीएम; पहले फायदा अब घाटे में कंपनी
अपनी स्थापना से लेकर वित्त वर्ष 2013-14 तक पेटीएम कुल करीब 150 करोड़ रुपए के फायदे में चल रही थी। लेकिन वर्ष 2017-18 तक आते-आते कंपनी को कुल करीब 4,102 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
जोमैटो;कंपनी के पास 3208 करोड़ रिजर्व में
वर्तमान में 24 देशों के 10 हजार से अधिक शहरों में माैजूदगी। प्रति माह 10 करोड़ लोगों को खाने का ऑर्डर पहुंचाने वाली कंपनी जोमैटो के पास कुल रिजर्व वित्त वर्ष 2018-19 तक 3,208 करोड़ रुपए के थे।
बुक माय शो; घाटा 4 करोड़ से बढ़कर 140 करोड़ रुपए हुआ
कंपनी को वर्ष 2013-14 में जहां 4.03 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था वहीं वर्ष 2017-18 के दौरान 140.26 करोड़ रुपए रहा। कंपनी के मुताबिक 1.5 करोड़ टिकट कंपनी के प्लेटफार्म से हर माह बुक होते हैं।
बिग बास्केट; प्रमोशन पर खर्च किए पांच करोड़ रुपए से अधिक
वर्ष 2017-18 के दौरान 5.55 करोड़ प्रमोशन (प्रचार-प्रसार) पर खर्च किए। वहीं कंपनी का रेवेन्यू वर्ष 2017-18 के दौरान करीब 1410 करोड़ रु. रहा। वर्ष 2013-14 में 2.35 करोड़ रुपए का घाटा हुआ, वर्ष 2017-18 में 179.23 करोड़ हाे गया।
भोपाल.दैनिक भास्कर के चेयरमैन रमेशचंद्र अग्रवाल का 30 नवंबर को 75वां जन्म दिन प्रेरणा दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर समूह ने समाज के हित में रमेशजीके द्वारा किए गए कार्यों और प्रेरणास्पद पहल को जारी रखते हुए कई कार्यक्रम किए।
प्रेरणा दिवस पर 12 राज्यों के 206 शहरों में कुल 257 रक्तदान शिविर लगाए गए। इनमें 12,832 यूनिट रक्तदान हुआ। रक्तदान शिविर बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, गुजरात आदि राज्यों में लगाए गए। सबसे ज्यादा रक्तदान राजस्थान में (करीब 3032 यूनिट) हुआ। दूसरे स्थान पर मध्यप्रदेश (1968 यूनिट) और तीसरे पर हरियाणा (1690 यूनिट) रहा।
प्रेरणा दिवस पर दैनिक भास्कर के सभी दफ्तरों, ब्यूरो कार्यालयों में 21 से 28 नवंबर तक दानोत्सव कार्यक्रम भी आयोजित किया था। यहां बड़ी संख्या में जुटाई गई वस्त्र, अनाज, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि सामग्री 30 नवंबर को 148 स्थानों पर अनाथालयों और वृद्धाश्रमों में जाकर जरूरतमंदों को बांटी गई। इसके अलावा 1,100 बच्चों ने दैनिक भास्कर दफ्तरों में पेंटिंग कॉम्पीटिशन में अलग-अलग विषयों पर पेंटिंग बनाकर रमेशजी को याद किया।